पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से आग्रह किया कि पाकिस्तान सरकार के साथ करतारपुर सीमा को खुलवाने के लिए बातचीत करें। चिट्ठी में मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पंजाब सूबे के नारोवल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का एक धार्मिक स्थल है। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर सिखों के आखिरी गुरु ने अपने जीवन के अंतिम साल गुजारे थे।
गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से यह गुरुद्वारा पश्चिम की ओर केवल 4 किलोमीटर दूर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से दरख्वास्त करती है कि पडोसी मुल्क से इस मसले पर बातचीत की जाए ताकि वह करतारपुर साहिब जाने के लिए अन्तराष्ट्रीय सीमा खोल दें।
गुरु नानक की नवम्बर में 550 वीं सालगिरह के बाबत मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब विधानसभा में इस मसौदे को 27 अगस्त को पारित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंज़ूरी मिल चुकी है ताकि बिना दिक्कतों के इस सीमा को खोला जा सके। सूत्रों के मुताबिक इससे पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री ने इसी वर्ष 20 अगस्त को विदेश मंत्री को इस मसले से सम्बंधित एक पत्र लिखा था।
इससे पूर्व पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इस मसले को उठाकर काफी आलोचनाएं झेल चुके हैं। वह पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख जनरल कमर बाजवा के गले मिले थे, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने उनकी खूब आलोचना की थी।
भारत वापस लौटने के पश्चात नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि आर्मी प्रमुख ने उनसे करतारपुर बॉर्डर को खोलने का वायदा किया है और इस शुभ कार्य को पाकिस्तान नवम्बर में गुरु नानक के 550 वीं सालगिरह पर करेंगे। उन्होंने भारत की विदेश मंत्री को इस बाबत चिट्ठी भी लिखी, जिस पर सुषमा स्वराज ने कोई जवाब नहीं दिया था।
भारत ने इनकार किया कि पाकिस्तान सरकार की ओर से करतारपुर बॉर्डर खोलने के लिए कोई आधिकारिक सूचना भेजी गयी है।