पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गलियारे के स्थापना समारोह में भारत के पंजाब सूबे के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को आमंत्रित किया गया था। नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के आयोजन में शरीक होना मुखमंत्री को रास नहीं आया है। अमरिंदर सिंह ने पठानकोट और अमृतसर में हमले का हवाला देते हुए पाकिस्तान के आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने का निर्णय उनके सोचने का तरीका है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री और सिख होने के नाते मैं अपनी जिम्मेदारियों से वाकिफ हूं। उन्होंने कहा कि पंजाब में क़ानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी मेरी है जो मुझे पाकिस्तान जाने से रोक रही है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है तो यह क्यों नहीं, मैं भी यही कहना चाहता हूं, धर्म जोड़ता है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि मंत्री सिद्धू समझना चाहिए कि रोजाना हमरे सैनिक मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व मेरी रेजिमेट के दो जवान और एक मेजर शहीद हो गये थे।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जावेद कमर बाजवा से गले मिलाया था। सिद्धू ने दावा किया था कि जब सेना अध्यक्ष ने करतारपुर गलियारे को खोलने की बात कही तो उस वक्त वह अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे।
हाल ही में भारत में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में करतारपुर गलियारे के निर्माण और विकास के मसौदे को पारित कर दिया था। नवजोत सिंह सिद्धू ने इसके श्रेय भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को दिया था। उन्होंने कहा था कि इमरान खान के कारण ही यह बदलाव मुमकिन हुआ है।