Sat. Oct 26th, 2024
    AKHILESH AND KAMALNATH

    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार सँभालते ही कमलनाथ ने एक ऐसा बयान दिया जिसने कांग्रेस को सहयोगियों के बीच मुश्किल में डाल दिया। कमलनाथ ने कहा था कि यूपी-बिहार के लोग मध्य प्रदेश में नौकरी करते हैं जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता। उन्होंने राज्य के उद्योगों में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढाने के लिए घोषणा की कि जिन उद्द्योगों में 70 फीसदी स्थानीय लोग होंगे उन्हें इंसेंटिव (छूट) दिया जाएगा और उन्हें उद्द्योगों को प्रमोट किया जाएगा।

    कमल नाथ ने कहा था  “राज्य में बहुत सारे उद्योग ऐसे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे अन्य राज्यों के लोगों को नौकरी पर रखते हैं। मैं उनकी आलोचना नहीं करना चाहता हूं, लेकिन मध्य प्रदेश के युवा रोजगार से वंचित रह जाते हैं। जो उद्ध्योग राज्य के लोगों को अपनी 70 फीसदी नौकरियां देंगे उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा।”

    कमलनाथ के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गाँधी से माफ़ी मांगने की मांग की साथ ही साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस बयान पर अपनी नाराजगी जताई।

    समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमल नाथ के बयान की आलोचना करते हुए कहा “यह गलत है। महाराष्ट्र में आप ऐसे प्रश्न सुनते हैं कि उत्तर भारतीय यहां क्यों आते हैं? उत्तर भारतीय यहां क्यों कारोबार कर रहे हैं? वही सवाल दिल्ली से आते हैं। अब यह मध्य प्रदेश से आ रहा है। अगर उत्तर भारतीय एक साथ हो जाते हैं और निर्णय लेते हैं तो केंद्र में कौन आएगा?

    बिहार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने भी कमलनाथ के बयान की आलोचना की है। पार्टी के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा “ऐसे बयानों से परहेज करना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को देश में कहीं भी काम करने और रहने का अधिकार है।”

    केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज किशोर ने कहा कि कमलनाथ को अपने बयान की व्याख्या करनी चाहिए कि वो क्या कहना चाहते हैं और राहुल गाँधी को उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए।” उन्होंने कहा “बिहार के लोगों जहाँ भी जाते हैं उस राज्य के विकास में अहम् भूमिका निभाते हैं। राहुल गाँधी को इस पर जवाब देना चाहिए।”

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *