सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली कनक दुर्गा को उनके ससुरालवालों ने घर से निकाल दिया है और अब वे सरकारी आश्रय घर में रह रही हैं। उनके ससुरालवालों ने बताया कि कनक ने उन्हें अपने मंदिर में प्रवेश करने वाली योजना के बारे कोई जानकारी नहीं दी हुई थी।
कनक दुर्गा के साथ साथ बिंदु अम्मिनी ने भी इस एतिहासिक मंदिर में प्रवेश कर एक एतिहासिक कदम उठाया था। जब कनक दुर्गा 15 जनवरी को अपने घर पहुँची थी तो उनकी सास ने उनकी बहुत पिटाई कि थी जिसके कारण उन्हें बहुत गंभीर चोट आई। बाद में कनक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
और अब पुलिस और जिला अधिकारियों के लाख समझाने के बाद भी, उनका परिवार उन्हें वापस अपनाने से मना करा रहा है। उनकी ये मांग है कि जब कनक सार्वजनिक तौर पर श्रद्धालुओं और हिन्दू समुदाय से मांफी मांगेंगी, तभी उन्हें वापस लिया जाएगा।
वही दूसरी तरफ, दूसरी महिला बिंदु ने कहा कि उन्हें अपने परिवार की तरफ से किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि उनके पति और उनकी बेटी ने उनका पूरा समर्थन किया था।
सबरीमाला मंदिर की ये परंपरा है कि मासिक धर्म की किसी भी महिला को मंदिर में प्रवेश करने की इज़ाज़त नहीं है क्योंकि भगवान अय्यप्पा एक नैश्तिका ब्रह्मचारी हैं।
मगर सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के प्रवेश पर लगने वाला प्रतिबन्ध हटा दिया था। इसके बाद, कई महिलाओं ने प्रवेश करने की कोशिश की मगर श्रद्धालुओं के विरोध के कारण उन्हें हर बार निराशा ही हाथ लगी। मगर इन दो महिलाओं के प्रवेश के बाद, केरल युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया और दोनों को जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगी।