विषय-सूचि
ओम का सिद्धांत विद्युतीय सिद्धांतों में सबसे मौलिक (फंडामेंटल) सिद्धांतों में से एक है। यह सिद्धांत विद्युत धारा (करंट) तथा वोल्टेज को कंडक्टर (जिससे विद्युत का प्रवाह हो सके) के गुणों से जोड़ता है।
ओम का नियम क्या है? (Ohm’s Law definition in hindi)
किसी भी आदर्श कंडक्टर के दो बिंदुओं के बीच के वोल्टेज का अंतर उस कंडक्टर से बहते हुए करंट के आनुपातिक (प्रोपोर्शनल) होगा।
आनुपतिकता के कांस्टेंट (constant of proportionality) को ही रेजिस्टेंस कहेंगे, जिसे “R” से संबोधित किया जाता है।
ओम के नियम का सूत्र (ohm’s law formula in hindi)
V = IR
जहाँ V उन दो बिंदुओं के मध्य का वोल्टेज अंतर बताता है जिनके बीच का रेजिस्टेंस R हो। तथा ‘I’ उन बिंदुओं से बहता हुआ करंट है।
ओम के नियम के उपयोग (Uses of ohm’s law in hindi)
यह सिद्धांत सरल सर्किट्स को सुलझाने में अत्यंत उपयोगी है। पूर्ण सर्किट वह होता जो एक बंद लूप बनाता है। यदि सर्किट में कोई वोल्टेज स्रोत है और कोई ऐसा अंग जो करंट का उपभोग करे, तो उस लूप के सभी वोल्टेज का कुल शून्य ( 0 ) होगा।
ओम के नियम का सत्यापन (verification of ohm’s law in hindi)
इस सिद्धांत से यह पता चलता है कि किसी कंडक्टर का रेजिस्टेंस स्थिर (कांस्टेंट) रहता है। यानी यदि वोल्टेज को दुगुना कर दिया जाए, तो कंडक्टर से करंट भी दुगुना हो जाएगा। परंतु रेजिस्टेंस वही रहेगा।
ध्यान रहे कि यह सारी बातें तभी तक वैध हैं, जब तक कंडक्टर का तापमान स्थिर है। यदि तापमान बढ़ा, तो रेजिस्टेंस भी बढ़ जाएगा।
ओम के नियम का त्रिकोण (Ohm’s law triangle)
सिद्धांत का सूत्र (formula) यदि याद ना रहे, तो एक त्रिकोण का प्रयोग किया जा सकता है। इस त्रिकोण को ओहम के सिद्धांत का त्रिकोण भी कहते हैं।
जो भी अज्ञात वस्तु का मूल्य जानना हो, उसे छुपा लें। फिर जो रह जाएगा, वही उस अज्ञात वस्तु का सूत्र होगा। यदि दोनों एक सीध में हैं, तो उनका गुणा (multiplication) किया जाएगा तथा यदि वे ऊपर नीचे हैं, तो उन्हें विभाजित किया जाएगा।
जैसे अगर ‘V’ पता करना हो, तो उसे ढक लें। अब I और R एक सीध में हैं, इसलिए उनका गुणा कर दिया जाएगा। इसी तरह I पता करने हेतु उसे ढकिए, अब V और R ऊपर नीचे है, इसलिए V को R से विभाजित करें।
रैखिक ग्राफ (Linear graph)
यदि V v/s I का ग्राफ बनाया जाए, तो वो कुछ ऐसा दिखेगा –
ग्राफ पर दो रेखाओं को देखा जा सकता है। जिस रेखा में अधिक वोल्टेज प्राप्त करने के लिए कम करंट की आवश्यकता हो, वो अधिक रेजिस्टेंस दर्शाता है। इसी तरह काम रेजिस्टेंस वाले हिस्से के लिए उसी करंट पर पहले वाले कि तुलना में कम वोल्टेज उत्पन्न होगा।
रैखिक व गैर रैखिक कंपोनेंट्स ( Linear and Non linear components)
जो भी कॉम्पोनेन्ट ओहम के सिद्धांत अनुसार काम करे, उसे रैखिक कॉम्पोनेन्ट कहा जाता है। यानी V तथा R एक दूसरे के के आनुपातिक होने चाहिए। उदहारण के लिए, रेसिस्टर एक रैखिक कॉम्पोनेन्ट है।
जो कॉम्पोनेनेट ओहम का सिद्धांत ना माने, उसे गाजर रैखिक कहेंगे। उदहारण – डायोड (diode).
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Ohm’s law is not applied on which material? Answer.
it is not right for ,me ohm’s law
We won’t images for ohm’s law every
environment’s image that use in practical
Or handmade image
It’s a right image I have understand the mean of ohms lowe