Thu. Dec 5th, 2024
    अमेरिका और तुर्की

    तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्दोगन ने सोमवार को कहा कि “सीरिया में कुर्दिश चरपंथियो के खिलाफ किसी भी पल अभियान को शुरू करने के लिए तुर्की की सेना तैयार है।” अमेरिका ने कुछ समय पहले ही ऐलान किया था कि वह तुर्की के साथ इस मामले पर सहयोग नहीं करेगी।

    पत्रकारों से बातचीत में एर्दोगन ने कहा कि “हम हमेशा एक बात को बोलते हैं: हम बगैर किसी चेतावनी के किसी भी रात धावा बोल सकते हैं। इन आतंकवादी समूहों से खतरों को मजीद बर्दाश्त करने का अब बिलकुल कोई सवाल ही नहीं उठता है।”

    व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि “तुर्की उत्तरी सीरिया में अपनी पूर्व नियोजित अभियान के साथ जल्द आगे बढेगा। बीते दो वर्षो से अधिक समय से कब्जाए इस इलाके में सभी आईएसआईएस लडाको के लिए तुर्की उत्तरदायी होगा।”

    एर्दोगन ने कहा कि “वह यूरोपीय सरकार के साथ मिलकर इस इलाके में विदेशी इस्लामिक राज्य के कैदियों के साथ समझौता करेंगे। यहाँ आईएस के कैदी फ्रांस, जर्मनी और अन्य देशो से हैं। वे कहते है हम उन पर नियंत्रण नहीं करना चाहते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “हम अब उनके पीछे नहीं देख सकते हैं। इस बारे में हम क्या कर सकते हैं। वे उस पर कार्य कर रहे हैं और मैंने अपने साथियो को भी उस पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।”

    कुर्दिश के नेतृत्व वाली सीरिया डेमोक्रेटिक फाॅर्स ने कहा कि “उनके खिलाफ तुर्की के हमले इस्लामिक स्टेट समूह को सालो से दिए गए सफल अभियानों में का उलट हो सकता है और उनके कुछ नेताओं को अपने ठिकानों से बाहर निकलने में मुश्किलात पैदा कर सकते हैं।”

    एसडीएफ ने इस्लामिक स्टेट के हजारो लडाको और उनके परिवारों को जेल और उत्तरी सीरिया में अनौपचारिक बस्तियों में कैद कर के रखा हुआ है। इस्लामिक स्टेट के खिलाफ एसडीऍफ़ एक महत्वपूर्ण सहयोगी है लेकिन कुर्दिश सेना को तुर्की ने आतंकवादी का दर्जा दिया है।

    कुर्द के साथ सीरिया से नजदीक सीमा पर वांशिगटन के करीबी सहयोगी होने पर तुर्की ने कई बार आपत्ति दर्ज की है। उन्हें कुर्दिश वर्कर पार्टी से जोड़ा गया है जिसे तुर्की में आतंकवादी संगठन की सूची में शामिल कर रखा है। वांशिगटन ने भी पीकेके को आतंकवादी संगठन करार दिया है लेकिन इसमें वाईपीजी शामिल नहीं है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *