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    जिओ टीवी vs एयरटेल टीवी

    रिलायंस जिओ ने 2016 में भारतीय टेलिकॉम बाज़ार में प्रवेश किया था और उस समय यह बहुत जल्दी बड़े ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल हुआ था। इसके सस्ते प्लान और बेहतर सुविधा ने टेलिकॉम बाज़ार में तहलका मचा दिया था। तब से अब तक बाज़ार में काफी बदलाव आ चुके हैं।

    निजी ऑपरेटरों के बीच प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गयी है और अब टैरिफ पर प्रतिस्पर्धा होने संभव नहीं है जिसके चलते ऑपरेटर दुसरे जगह निवेश कर रहे हैं। यह है कंटेंट सर्विस। इसके अंतर्गत ऑपरेटर विडियो और म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस आदि ग्राहकों को रिचार्ज प्लान एक साथ मुफ्त देते हैं। जिओ टीवी और एयरटेल टीवी फिलहाल बाज़ार में बड़े डिजिटल कंटेंट एप हैं। यहाँ हम चर्चा करेंगे की इन दोनों में से बेहतर कौन है।

    एयरटेल टीवी vs जिओ टीवी : कौन देता है ज्यादा चैनल ?

    विभिन्न ऑपरेटरों द्वारा प्रदान की जा रही टीवी सर्विस की तुलना में हम सबसे पहले यह तुलना करते हैं की सबसे ज्यादा चैनल कोनसा ऑपरेटर प्रदान कर रहा है। इस मामले में जिओ टीवी एयरटेल से आगे है क्योंकि एयरटेल के 373 चैनलों की तुलना में जिओ अपने सब्सक्राइबर्स को कुल 640 चैनल प्रदान कर रहा है।

    जब कोई ग्राहक संबंधित टेल्को के साथ कनेक्शन खरीदता है, तो इन ऐप्स की सदस्यता पहले से ही फोन कनेक्शन के साथ ग्राहक को दी जाती है। अतः सब्सक्राइबर को टीवी सेवा के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता।

    एयरटेल टीवी vs जिओ टीवी : अतिरिक्त सुविधाएं

    यदि हम एचडी कंटेंट बात करते हैं तो वहां भी जिओ ही बाज़ी मारता है क्योंकि यह एयरटेल टीवी के 62 एचडी चैनलों की तुलना में 138 एचडी चैनल पैक प्रदान करता है।

    हालांकि, दोनों प्लेटफार्म लाइव न्यूज और स्पोर्ट्स को एक्सेस करने के विकल्प के साथ आते हैं लेकिन यदि अतिरिक्त सेवाओं की बात करते हैं तो एयरटेल जिओ टीवी से आगे है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जिओटीवी केवल कुछ विशेष चैनल जैसे जिओ इवेंट, जिओ स्पोर्ट्स प्रदान करता है, लेकिन दूसरी ओर, एयरटेल टीवी दर्शकों को 10,000 से अधिक फिल्में और प्रदान करता है। ध्यान दें कि जिओ में जिओ सिनेमा नाम का एक और एप्लिकेशन है, जिसके तहत यह नवीनतम फिल्में और आगामी फिल्मों के ट्रेलर प्रदान कर रहा है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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