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    हैडर और फुटर के प्रयोग header and footer in ms word in hindi

    विषय-सूचि

    क्या है पेज सेटअप? (what is page setup in hindi)

    जब भी आप कोई एमएस वर्ड डॉक्यूमेंट बना रह हों तो वो पेजों के रूप में होता है। वो एक पेज भी हो सकता है या कई पेजों का समूह भी।

    इसीलिए उन पेजों को ख़ास तौर पर पर्सनलाइज़ करना काफी जरूरी हो जाता है। पर्सनलाइज़ करने का तात्पर्य ये हुआ कि आप अपने हिसाब से उसकी सही रूप-रेखा तैयार करते हैं।

    वो पेज कैसा दिखेगा, उसकी आकार और आकृति कैसी होगी, उसका रंग-रूप कैसा होगा और उसमे कहाँ कितनी खाली जगहें होंगी- इन सब का निर्णय पेज सेटअप के द्वारा लेते हैं।

    यहां हम आपको बताएंगे कि पेज सेटअप में कितने फीचर हैं और उन सब का कैसे उपयोग किया जाता है।

    पेज सेटअप में आनेवाले जरूरी फीचर (page setup features in ms word in hindi):

    पेज ओरिएंटेशन (page orientation)

    • सबसे पहले लेआउट टैब में जाएं और वहां पेज सेटअप समूह में ओरिएंटेशन कमांड पे क्लीक करें।
    • इसके बाद आपके पास दो तरह के ऑप्शन आएंगे- पहला पोर्ट्रेट और दूसरा लैंडस्केप. पोर्ट्रेट का मतलब आपके पेज में चीजें ऊपर से नीचे होंगी जबकि लैंडस्केप में चीजें एक साइड से दूसरे साइड तक होती है।
    • प्रिटिंग के लिए पोर्ट्रेट को आदर्श ओरिएंटेशन माना जाता है लेकिन बहुतों बार चीजें ऐसी होती है जो सिर्फ लैंडस्केप में ही सही से आ पाती है।

    पेज साइज (page size)-

    इस मेनू में आप पेज के आकार को लेकर निर्णय लेते हैं। एमएस वर्ड में बहुत सारे पेज साइज हैं जो पहले से ही परिभाषित हैं। इसमें बदलाव करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया को फॉलो करें:

    • लेआउट टैब के अंदर साइज नामक कमांड में जाएँ।
    • इसके बाद एक ड्रापडाउन मेनू आएगा जिसमे ढेर सारे पहले से परिभाषित पेज साइज होंगे और आपके डॉक्यूमेंट का अभी का पेज साइज वहां पहले से ही हाइलाइट किया गया रहा है। उस मेनू में से आप कोई भी मनचाहा पेज साइज को चुन सकते हैं।
    • अगर आप इन सब से भी संतुष्ट नहीं हैं और अपना एक अलग साइज बनाकर फिर डालना चाहते हैं तो आप मोर पेज साइज ऑप्शन पर क्लीक करें जहां आपको और भी कई तरह के पेज साइज मिलेंगे।
    • इसके बाद एक पेज सेटअप डायलॉग बॉक्स दिखेगा जहां पर बॉक्स के अंदर पेज कि चौड़ाई और लम्बाई लिखी होगी। अब यहां आप अपने हिसाब से आकार में मनचाहा बदलाव कर के देख सकते हैं। बदलाव करने के बाद ओके पर क्लीक करें।

    पेज मार्जिन (page margin)-

    पेज मार्जिन का मतलब हुआ आपके वर्ड डॉक्यूमेंट के टेक्स्ट और पेज के चारों किनारों से उनकी दूरियां।

    दूर शब्दों में हम पेज मार्जिन को टेक्स्ट और पेज के किनारे के बीच कि खाली जगह भी कह सकते हैं। आम तौर पर पेज मार्जिन पहले से नार्मल सेट होता है जिसका मतलब ये हुआ कि ये खाली जगह का माप एक इंच होगा।

    अगर आपको इसमें कोई बदलाव करना हो तो तो नीचे इसकी प्रक्रिया समझ लें:

    • लेआउट टैब के अंदर मार्जिन्स कमांड में जाएँ।
    • वहां एक ड्रापडाउन मेनू के अंदर ढेर सारे पहले से परिभाषित मार्जिन साइज होंगे जिनमे से आप कोई भी चुन सकते हैं।
    • अगर आप इन इन सब से अलग कोई खुद का सेट किया हुआ मार्जिन चुनना चाहते हैं तो ड्रापडाउन मेनू के अंदर कस्टम मार्जिन ओपन पर क्लीक करें।
    • इसके बाद एक पेज सेटअप डायलॉग बॉक्स खुलेगा जिसमे आप खुद से अलग अलग मार्जिन सेट कर सकते हैं।
    • टॉप, लेफ्ट, राइट के मार्जिन का तात्पर्य पेज के क्रमशः ऊपरी, दायीं और बायीं किनारों से टेक्स्ट कि दूरी से है। इन सब में आप जैसा चाहे वैसा बदलाव कर सकते हैं।

    अब आप पेज सेटअप के सारे फीचर समझ गए होंगे। एमएस वर्ड में पेज कैसा दिखेगा इसका पूरा दारोमदार पेज सेटअप पे ही होता है और आप उपयुक्त स्टेप को फोलोव कर इन सब को पर्सनलाइज़ कर सकते हैं।

    इस विषय के बारे में यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

    One thought on “एमएस वर्ड में पेज सेटअप कैसे करें?”
    1. जनकसुता जग जननि जानकी । अतिसय प्रिय करुना निधान की ।। 1 ।।
      ताके जुग पद कमल नमावौं । जासु कृपाँ निरमल मति पावौं ।। 2 ।।
      मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी ।। 3 ।।
      मंगल भवन अमंगल हारी । उमा सहित जेहि जपत पुरारी ।। 4 ।।

      how to set sentence & page up like (hanuman chalisa)

      जनकसुता जग जननि जानकी । अतिसय प्रिय करुना निधान की ।। 1 ।।
      ताके जुग पद कमल नमावौं । जासु कृपाँ निरमल मति पावौं ।। 2 ।।
      मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी ।। 3 ।।
      मंगल भवन अमंगल हारी । उमा सहित जेहि जपत पुरारी ।। 4 ।।

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