Wed. Oct 16th, 2024

    अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन दो दिवसीय दौरे के लिए अगले सप्ताह भारत आएंगे। शुक्रवार को की गयी घोषणा के अनुसार इस दौरान वह विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश मंत्रालय और अमेरिकी विदेश विभाग के बीच होने वाली वार्ता में शामिल होंगे।

    क्वाड शिखर सम्मेलन की भी तैयारी

    यह एंटनी ब्लिंकन के अमेरिकी विदेश मंत्री के पदभार ग्रहण करने के बाद से उनकी नई दिल्ली की पहली यात्रा होगी। उम्मीद है कि वार्ता को कई द्विपक्षीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही इस साल के अंत में वाशिंगटन डीसी में यूएस-भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारी भी की जाएगी।

    ब्लिंकन ने अपनी भारत यात्रा का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा कि, “यह यात्रा कोरोना वायरस को रोकने के प्रयासों, साझा सुरक्षा हितों और जलवायु संकट जैसे विषयों पर हमारे सहयोग के महत्व को रेखांकित करेगी। मैं अपनी महत्वपूर्ण साझेदारियों को मजबूत करने के लिए तत्पर हूं।” इसके बाद एंटनी ब्लिंकन कुवैत का दौरा करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि दोनों पक्ष अमेरिका और भारत के “साझा लोकतांत्रिक मूल्यों” पर चर्चा करेंगे।

    अफगानिस्तान की स्थिति पर हो सकती है बात

    अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा से अफगानिस्तान की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने और भारत के साथ संभावित सहयोग पर चर्चा करने की उम्मीद है क्योंकि तालिबान अफगानिस्तान में आगे बढ़ रहा है। उनका दौरा अफगानिस्तान के सेना प्रमुख जनरल वली मोहम्मद अहमदजई (27-30 जुलाई को) के दौरे के साथ ही होगा। इस वजह से अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों अधिकारी नई दिल्ली में मिल सकते हैं।

    भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि एंटनी ब्लिंकन और भारतीय नेताओं के बीच चर्चा “पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी – जिसमें कोरोना महामारी से उबरना, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, अफगानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र में सहयोग स्थापित करना शामिल है।”

    मिस्टर ब्लिंकन मंगलवार 27 जुलाई को दिल्ली पहुंचेंगे और बुधवार को अपनी आधिकारिक बैठक करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिलेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने जानकारी दी है कि वह प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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