Sun. Apr 28th, 2024
kim jong un and xi jinping

चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) गुरूवार को उत्तर कोरिया (North Korea) की ऐतिहासिक यात्रा पर पहुँच हए हैं। चीनी राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन दोनों ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। शी पहले राष्ट्रपति है जो बीते 14 वर्ष में पहली बार पियोंगयांग की यात्रा करेंगे।

दोनों मुल्क शीत युद्ध के दौरान के सहयोगी है और दोनों बीच के सम्बन्ध पियोंगयांग के परमाणु उत्तेजना के कारण खराब हो गए थे। उत्तर कोरिया पर यूएन के प्रतिबन्धों में चीन ने पियोंगयांग का ही समर्थन किया है। शी और किम संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

बीते वर्ष में उत्तर कोरियाई नेता ने चार बार चीन की यात्रा की थी और साथ ही कोरिया को प्रतिबंधों से राहत देने की मांग की थी। शी की दो दिवसीय यात्रा चीन के पास क्षेत्र में अपनी प्रभुत्व को प्रदर्शित करने का अवसर है। क्यूँग्नाम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लिम ऊल चूल ने कहा कि “आगामी बैठक में उत्तर कोरिया अमेरिका को यह दिखायेगा कि उनको चीन का समर्थन है और वांशिगटन को सन्देश भेजेगा कि उसे अपने अत्यधिक दबाव के अभियान को रोक देना चाहिए।”

फरवरी में हनोई सम्मेलन के बाद डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग के बीच परमाणु वार्ता ठप पड़ गयी थी। दोनों देश प्रतिबंधों से निजात देने के मामले पर सहमति नहीं बना पाए थे। वांशिगटन के साथ बीजिंग की व्यापार वार्ता भी बीते माह बंद हो गयी थी।

शी अगले हफ्ते जापान में आयोजित जी 20 सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करेंगे। उत्तर कोरिया के मुखपत्र के दुर्लभ ओपिनियन में शी जिनपिंग ने पडोसी राष्ट्रों के साथ दोस्ती को अपरिवर्तनीय बताया और पूर्वी एशिया में स्थिरता लाने के लिए “ग्रैड प्लान” का प्रस्ताव दिया था।

नेशनल युनिवेर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मामलो के प्रोफेसर योंगवूक रयु ने कहा कि “अगर शी उत्तर कोरिया का इस्तेमाल  ट्रम्प के साथ मोलभाव के लिए करेगा तो यह उनकी संजीदा गलती है क्योंकि अमेरिका के नेता के लिए रक्षा और व्यापार अलग है। अगर शी उत्तर कोरिया पर निरस्त्रीकरण के लिए दबाव बनता है तो शायद चीन को ट्रंप के साथ व्यापार समजाहुते करने रियायत मिल जाए।”

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने “बीजिंग के पियोंगयांग के साथ करीबी संबंधों को अमेरिका पर दबाव के लिए करने की चिंताओं को खारिज किया है। ऐसा सोचने वाले लोग सिर्फ जरुरत से ज्यादा सोच रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि “बीजिंग उत्तर कोरिया और अन्य सम्बंधित पक्षों के साथ कम्युनिकेशन और समायोजन में सक्रिय भूमिका निभाएगी ताकि कोरियाई पेनिनसुला के वार्ता को जायेगा।” उत्तर कोरिया के डेफेक्टर और रिसर्चर अहं छान इल ने कहा कि इस लेख में बेहद असामान्य घटनाओं का जिक्र है।

किम के लिए शी की यात्रा एक मार्केटिंग है ताकि वह अपनी आवाम से कह सके कि हमारे पीछे भी शी जैसे शक्तिशाली नेता का हाथ है। किम जोंग उन ने चार बार चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए चीन की यात्रा की है। बीते वर्ष सी चीन और उत्तर कोरिया संबंधों को सुधारने के लिए कार्य कर रहे हैं।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *