संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने सोमवार को उत्तर कोरिया में यूनिसेफ को सहायता कार्यक्रम के लिए अनुमति दे दी है और इसके लिए प्रतिबंधों से रिआयतो को भी मंज़ूरी दी है। इसका मकसद गरीब देश के लोगो के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना है।
यह रिआयत 11 अप्रैल को दी गई थी। इसके तहत यूनिसेफ समुदाय के लिए कई पदार्थों का निर्यात करेगा। जिसमे जरूरतमंद लोगो तक सुरक्षित जल और अस्पतालों में प्रभावी इलाज के लिए मदद मुहैया करेगा। इस विशेष कपोषित बच्चो और माताओं के लिए हैं।”
मंज़ूरी दिए गए पदार्थों की कीमत करीब 57.5 लाख डॉलर है इसमें हेल्थ किट्स, व्हीलचेयर और बिजली के यंत्र भी शामिल है। इसमें सबसे कीमती उपकरण वैक्सीन कोल्ड चैन हैं जो डेनमार्क का है और इसकी कीमत 38.7 लाख डॉलर है। यूनिसेफ ने कहा कि इन उपकरणों का इस्तेमाल एक वर्ष से कम आयु के करीब 355000 बच्चों और 362000 गर्भवती महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया जायेगा।
यूनिसेफ ने बताया कि “कर्मचारी इस पर निरंतर निगरानी रखेंगे ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि इन उपकरणों का इस्तेमाल योजनाबद्ध इरादों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है। उत्तर कोरिया के लिए रिआयतो से प्रतिबन्ध की समयसीमा सिर्फ छह महीने की हैं।”
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के तहत मानवीय गतिविधियां प्रतिबंधित नहीं होती है लेकिन इससे सम्बंधित पदार्थों के लिए यूएन से रिआयत की मंज़ूरी जरुरी थी। बीते हफ्ते पियोंगयांग ने बताया कि वह विगत 37 वर्षों के बाद सूखे के सबसे बुरे दौर को महसूस कर रहे हैं। इससे अगले माह बोई जाने वाली फसल पर भी बुरा असर होगा।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के बीते माह के आंकलन के मुताबिक, बीते 10 वर्षों में इस वर्ष की फसल सबसे बेकार है और यह सूखे, गर्म हवाओं और बाढ़ के कारण हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्क में भोजन ग्रहण स्तर सबसे निम्न पर है। वहां भोजन विविधता सीमित है और परिवार खाने में कमी या काम भोजन ग्रहण करने के लिए मज़बूर है।