Wed. Oct 16th, 2024
    डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को दक्षिण कोरिया के नेता के साथ सेना रहित क्षेत्र में मुलाकात की थी। डोनाल्ड ट्रम्प जी-20 के सम्मेलन के बाद दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए उन्होंने वहां दोनों कोरियाई देशों को विभाजित करने वाले क्षेत्र में मुलाकात की थी और दोनों नेताओं ने परमाणु वार्ता को बहाल करने पर सहमति जाहिर की थी।

    हालाँकि इसके बेहद कम ही संकेत है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया परमाणु मामलो को लेकर मतभेद कम हो पाएंगे। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि “नए सिरे से वार्ता का आयोजन जुलाई में कभी भी हो सकता है और उत्तर कोरिया के बार्ताकार विदेश मंत्रालय के राजनयिक होंगे।”

    पोम्पिओ ने ट्वीट में स्पष्ट किया कि प्रतिबंधों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के नियमों के तहत लागू किया गया है और बातचीत के आगे बढ़ने पर यह कायम रहेंगे। उन्होंने कहा कि “हम उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार है लेकिन परमाणु निरस्त्रीकरण से पूर्व यूएन के प्रतिबंधों को कायम रखने के लिए संकल्पित है।”

    इस मुलाकात की तैयारी ट्रम्प के ट्वीट से शुरू हुई थी और किम ने कहा कि यह एक सरप्राइज था। एक बार फिर दोनों नेताओं के बीच मधुर सम्बन्ध देखने को मिले। लेकिन दोनों ही नेता अपनी स्थितियों से समझौता करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।

    अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच फरवरी में वियतनाम में आयोजित सम्मेलन के बाद कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई थी।

    दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और शान्ति की उम्मीद व्यक्त की थी। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन ने तीसरी बार मुलाकात की थी। ट्रम्प ने उत्तर कोरिया की तरफ सैन्य रेखा को पार किया था और यहां दोनों कोरियाई देशों के सैनिक गश्त करते हैं।

    किम-ट्रम्प ऐतिहासिक मुलाकात

    कुछ लम्हों बाद वे दक्षिण की तरफ लौट आये और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के साथ बैठक की थी और यह अभूतपूर्व त्रिकोणीय मुलाकात थी। ट्रम्प और किम को एक घंटे तक अलग मुलाकात हुई थी।

    ट्रम्प ने वार्ता के बाद कहा कि “हमारे बीच बेहद, बेहद अच्छी मुलाकात हुई थी। हम देखते हैं कि क्या होता है। दोनों पक्षों ने ठप पड़ी वार्ता को बहाल करने के लिए टीमों का चयन कर लिया है और इसका मकसद उत्तर से परमाणु हथियारों का त्याग करवाना है।

    पोप फ्रांसिस ने सेंट पेटर्स स्क्वायर में साप्ताहित सम्बोधन में इस मुलाकात की सराहना की थी। उन्होंने कहा कि “मैं मुख्यपात्रों को सलाम करता हूँ। ऐसे सार्थक सद्भाव के साथ शान्ति की मंजिल की तरफ एक और कदम बढ़ा दिया है। यह न सिर्फ उत्तर कोरिया के लिए बल्कि समस्त विश्व के लिए अच्छा है।”

    फरवरी में वियतनाम में आयोजित दूसरे शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। दोनों पक्ष प्रतिबंधों से रियायत के मामले पर सहमत नहीं हो पाए थे। उत्तर चाहता कि अमेरिका परमाणु नितास्त्रीकरण के लिए सभी प्रतिबंधों को हटा दे लेकिन अमेरिका इस पर असहमत था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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