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    मून जे इन

    दक्षिण कोरिया ने गुरूवार को कहा कि “ठप पड़ी परमाणु वार्ता को वापस पटरी पर लाने के लिए वह उत्तर कोरिया में एक विशेष राजदूत को भेजने पर विचार कर रहा है।” फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हनोई में हुई मुलाकात के बाद परमाणु निरस्त्रीकरण पर वार्ता में गतिरोध उत्पन्न हो गया है।

    दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने बीते वर्ष अमेरिका-उत्तर कोरिया की बातचीत को मुमकिन किया था। मून जे इन अगले हफ्ते डोनाल्ड ट्रम्प के साथ परमाणु कूटनीति पर चर्चा के लिए वांशिगटन की यात्रा पर जा रहे हैं।

    मून जे इन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग युई योंग ने गुरूवार को सांसदों से कहा कि “उनकी सरकार एक विशेष राजदूत को उत्तर कोरिया भेजने पर चर्चा कर रही है।” हालाँकि इसके बाबत अधिक जानकारी उन्होंने मुहैया नहीं की थी।

    चुंग के प्रतिनिधियों ने किम जोंग उन से मुलाकात की थी और उनके हवाले से कहा कि वह एडवांसिंग परमाणु आर्सेनल को दूर करे के लिए समझौता करने के इच्छुक है। साल 2018 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने किम जोंग उन से तीन बार मुलाकात की थी।

    किम जोंग उन की डोनाल्ड ट्रम्प से पहली मुलाकात सिंगापुर में बीते वर्ष मई में हुई थी और इस दौरान उत्तर कोरिया ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता दिखाई थी। मून की सरकार उत्तर कोरिया के साथ सुलह करना चाहती है और बातचीत से परमाणु विवाद का हल निकालना चाहती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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