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    अमेरिका और उत्तर कोरिया

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “उत्तर कोरिया के मिसाइल लांच से कोई भी खुश नहीं है।” दो कम मारक क्षमता वाली मिसाइल के लांच करने के बाद भविष्य की परमाणु वार्ता पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता का दूसरा शिखर सम्मेलन हनोई में फरवरी में आयोजित हुआ था, लेकिन यह बगैर किसी समझौते और संयुक्त बयान के रद्द हो गया था।

    दोनों ही पक्ष प्रतिबंधो पर उपजे मतभेदों को सुलझाने में असक्षम रहे थे। पियोंगयांग प्रतिबंधों के आज़ादी के बदले परमाणु निरस्त्रीकरण की तरफ बढ़ने के लिए रज़ामंद है। किम जोंग उन ने वांशिगटन पर बदनीयत से कार्य करने का आरोप लगाया था और इस साल के अंत तक का वक्त दिया है।

    सीओल के जॉइंट्स चीफ ऑफ़ स्टाफ ने बयान जारी कर बताया कि “उत्तर कोरिया ने बुधवार को दो शार्ट रेंज मिसाइल को दागा था। इन्हे उत्तरा पियोंगन प्रान्त के कुसंग से लांच किया गया था। यह मिसाइल ने पूर्व की तरफ 270 से 420 किलोमीटर तक उड़ान भरी थी।

    एक हफ्ते में यह पियोंगयांग का दूसरा ऐसा कार्य है, साल 2017 के बाद उत्तर कोरिया ने कोई भी मिसाइल को लांच नहीं किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया के नेता ने बीते वर्ष जून में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ ऐतिहासिक मुलाकात की थी।

    व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “शार्ट रेंज मिसाइल के लांच को अमेरिका बड़ी गंभीरता से देख रहा है। इससे कोई भी खुश नहीं है। हम देखते हैं क्या होता है। मैं जानता हूँ कि वे बातचीत करना चाहते हैं, वह वार्ता के बाबत बातचीत कर रहे हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह बातचीत के लिए तैयार है।”

    अमेरिका के उत्तर कोरिया में राजदूत स्टेफेन बिगुन ने गुरूवार को दक्षिण कोरिया के अधिकारीयों से बातचीत के लिए सीओल की यात्रा की थी। उत्तर कोरिया की हुकूमत के मुखपत्र रोडोंग सिंमून अखबार ने शुक्र्वार को अपने अखबार के पहले और दुसरे में आधे को दो लॉच को समर्पित किया था। इसमें 16 तस्वीरें थी, एक में किम जोंग उन को लांच को देखते हुए दिखाया गया था।

    जापानी रक्षा मंत्री ताकेशी इवया ने कहा कि “टोक्यो अपने निष्कर्ष पर पंहुच चुका है कि यह कम मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल थी। बैलिस्टिक मिसाइल को लांच करना स्पष्ट तौर से यूएन सुरक्षा परिषद् के प्रस्ताव उल्लंघन है।”

    राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा कि “पियोंगयांग का हालिया कदम परमाणु वार्ता को अपने इरादों की दिशा में ले जाने का प्रयास है। ऐसा लगता है कि हनोई सम्मेलन में बिना समझौते के उत्तर कोरिया काफी निराश है। उन्होंने गाह करते हुआ कहा, यह लांच वार्ता को अत्यधिक मुश्किल बना देगा।”

    अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर उन्होंने उत्तर कोरिया के विमानवाहक युद्धपोत को जब्त कर लिया है।” इस जहाज की पहचान वाइज ऑनेस्ट के नाम से हुई है जिसका वजन 17061 टन है। इस युद्धपोत के जरिये उत्तर कोरिया से अवैध तरीके से कोयले का निर्यात किया जा रहा था और कम्युनिस्ट राष्ट्र को भारी मशीनरी डिलीवर की जा रही थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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