ईरान में भयावह बाढ़

ईरान ने बुधवार को अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में अन्य देशों द्वारा मुहैया की गयी मानवीय सहायता को पंहुचने में बाधा उत्पन्न कर रहा है।

राष्ट्रपति हसन रूहानी की कैबिनेट के सदस्यों के साथ बैठक की बात के हवाले से आईआरएनए ने कहा कि “ईरानी विदेश मंत्रालय सहित अन्य विभागों को मालूम करना चाहिए कि विदेश में बसे ईरानी नागरिक मुल्क में बाढ़ से पीड़ित जनता के लिए राहत समाग्री क्यों  नहीं भेज पा रही है।”

क्रूर अमेरिका

बचाव अभियान के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने ईरानी आवाम को 24*7 सुविधाएं मुहैया करने के आदेश दिए हैं। शरुआत में ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम क़ासमी ने कहा कि “बाढ़ से पीढ़ी लोगो तक राहत समाग्री पंहुचने के मार्गो में बाधा डालकर अमेरिका ‘अमनवीयता और क्रूरता’ का परिचय दे रहा हैं।”

मंगलवार को अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता माइक पोम्पिओ ने कहा कि “इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ द रेड क्रॉस सोसाइटी एंड रेड क्रिसेंट सोसिटीज़ की सहायता करने और उसमे योगदान करने के लिए तैयार है, जो सीधे ईरानी रेड क्रिसेंट केजरिये फंड मुहैया करेगी।” ईरानी िदेश मंत्री जावेद ज़रीफ़ ने माइक पोम्पिओ के प्रस्ताव को फर्जी करार दिया था।

बाढ़ से पीड़ित ईरानी जनता

स्थानीय मीडिया के हवाले से एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने ईरान में निरंतर बाद के प्रकोप में मृतकों की संख्या की पुष्टि की है। बाढ़ का कहर दक्षिणी और पश्चिमी भागो में अधिक है। मृतकों की संख्या का आंकड़ा बढ़कर 62 हो गया है, जबकि लगभग 400 लोग जख्मी है और कई लोग समस्त देश में विस्थापित हो गए हैं।

अलजजीरा के मुताबिक, स्थानीय विभागो ने दक्षिणी पश्चिमी प्रान्त खुज़ेस्तान के 70 गाँवों की निकासी का आदेश दिया है। हाल ही 26 मार्च को ईरान में बाढ़ आयी थी इसमें बिजली और टेलीकॉम नेटवर्क तबाह हो गए थे, सड़के ध्वस्त हो गयी थी जबकि कई इलाकों में लोग बचाव सैनिकों के इंतज़ार में घरों की छत पर बैठे थे। यूनिसेफ ने ट्वीट कर कहा था कि ईरान में बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए शुरूआती राहत सामग्री पंहुचने ही वाली है।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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