अमेरिका के राष्ट्रपति ने गुरूवार को कहा कि ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबन्ध 5 नवम्बर से लागू हो जायेंगे। साथ ही लेबनान के आतंकी समूह हेज़बुल्लाह पर कड़े प्रतिबन्ध लगाने के लिए एक कानून पर हस्ताक्षर किये हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि परमाणु संधि के बाद ईरान पर से हटाये गए प्रतिबंधो को दोबारा 5 नवम्बर से लागू कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ईरान पर यह प्रतिबन्ध सालों से जो अमेरिका झेल रहा है उससे कम ही है।
अमेरिका ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने सभी राष्ट्रों को धमकी दी थी कि ईरान से तेल सौदेबाजी 5 नवम्बर तक शून्य कर ले नहीं तो प्रतिबंध भुगतने को तैयार रहे।
ईरान भारत का तीसरा सबसे प्रमुख तेल निर्यातक है नतीजतन भारत भी इन प्रतिबंधों का भोगी होगा। इससे बचने के लिए भारत को या तो अमेरिका से रियायत के लिए वार्ता करनी होगी नहीं तो ईरान से तेल आयत शून्य करना होगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के सबे बड़े आतंक के पनाहगार को हम दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों को विकसित करने की इज़ाज़त नहीं देंगे, ऐसा मुमकिन नहीं होगा।
डोनाल्ड ट्रम्प ने ईससे पूर्व लेबनान के आतंकी समूह हेज्बुल्लाह पर कड़े प्रतिबन्ध लगाने के लिए इंटरनेशनल फाइनेंसिंग प्रिवेंशन एमेंडमेंट 2018 पर हस्ताक्षर किये थे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हेज्बुल्लाह ने अमेरिकी नागरिकों का अपहरण किया, उन्हें प्रताड़ित किया और उनकी हत्याएं की थी। साल 1983 में हुए नृशंस हमले में लेबनोन के आतंकी समूह ने अमेरिकी के 241 सैनिकों की हत्या की थी और 124 अमेरिकी अधिकारीयों को घायल किया था और केवल एक लेबनान के नागरिक की हत्या की थी।
वाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सेंडर्स ने बताया कि फ्रेंच बैराक में हेज्बुल्लाह ने बम से हमला कर फ्रांस के 58 शांति दूतों और पांच लेबनान के नागरिकों को मारा था।
उन्होंने कहा कि हेज्बुल्लाह को आर्थिक समर्थन देने वाले विदेशी व्यक्तियों और अधिकारियों पर यह प्रतिबन्ध लागू होगा। यह आतंकी समूह ने ड्रग तस्करी का जाल फैलाने और अन्य अपराधों में लिप्त है।