Sat. Apr 20th, 2024
    इमरान खान पाकिस्तान

    पाकिस्तान में 25 जुलाई के आम चुनाव से पूर्व चुनावी अखाड़े में उतरे सभी दलों के पास राष्ट्र के विकास की वही पुरानी घिसी-पिटी फेरहिस्त मौजूद थी। जिसमे रोजगार, गरीबी, भोजन, भ्रष्टाचार से मुक्ति और मकान जैसे कई मुद्दे थे।

    अलबत्ता हाल ही में गठित पाकिस्तान तहरीक- ए- इन्साफ के चुनावी वायदों के पिटारे में एक अलग चमक वाला मुद्दा था चीनी सरकार के कर्ज से आज़ादी दिलाना। शायद सत्ता की चमक के आगे वायदों की चमक थोड़ी फीकी पड़ गयी इसलिए जिसे मुद्दा बनाकर सत्ता पर काबिज हुए उसे ही मानसिक पटल से गायब कर दिया।

    संभव है कि पाकिस्तान की जांबाज आर्मी ने नवनिर्वाचित सरकार को चीन-पाक आर्थिक गलियारे और विदेशी मुद्रा पर आई विपदा के बाबत इत्त्लाह करने की जहमत न उठाई हो।

    क्योंकि पूर्व क्रिकेटर ने अभी ही सरकार में नई पारी की शुरुआत की है, मुमकिन है कि सोचा हो क्रीज़ पर कुछ समय गुजार ले फिर बता देंगे चूँकि अभी तो पूरे पांच साल बाकी है।

    चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के अंतर्गत सीपीईसी का विस्तार हो रहा है। पाकिस्तान की ख़बरों के मुताबिक सरकार ने बताया था कि साल 2022 तक चीनी परियोजना की लागत 62 बिलियन डॉलर से घटाकर 50 बिलियन डॉलर कर देंगे।

    पाकिस्तान के रेलवे विभाग ने कराची-पेशेवर को जोड़ने वाली रेलवे लाइन में 2 बिलियन डॉलर की कटौती का ऐलान किया था।

    हाल ही में पाकिस्तान सरकार के सलाहकार अब्दुल रजाक दाउद ने बयान दिया था कि चीनी इस्लामाबाद के हित में नहीं है, सरकार को इस प्रोजेक्ट की एक बार समीक्षा करनी चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री 3 नवम्बर को चीन के दौरे के दौरान इस परियोजना के बाबत बातचीत करेंगे।

    पाकिस्तान के आर्थिक हालात बिगड़ते ज़ा रहे हैं। घाटे का स्तर बढ़ रहा है और विदेशी मुद्रा समाप्त हो रही है। इस्लामाबाद ने सऊदी अरब को तीसरे निवेशक साझेदार की भूमिका में आमंत्रण देने का ऐलान किया था। यह फैसला चीन को बिना सूचना के लिए गया था इसलिए सरकार को इस निर्णय से यू टर्न लेना पड़ा।

    पाकिस्तान ने चीनी परियोजना में कटौती करके बैलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ की शरण में जाना अपनी बेहतरी समझा था। आर्थिक विपदा से बचने का एकमात्र विकल्प चीनी कर्ज से दूरी बनाए रखना था। इस पर अमेरिका ने गूगली डालते हुए आईएमएफ को चेताया कि चीनी कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान को कोई बैलआउट पैकेज नहीं दिया जाए।

    अमेरिका के सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा था कि कोई गलती न हो, आईएमएफ के हर कदम पर अमेरिका की नज़र बनी हुई है। नतीजतन आईएमएफ ने पाकिस्तान को सीपीईसी सहित अन्य कर्ज का खुलासा करने को कह दिया था। पाकिस्तान ने इसके लिए दो टूक हामी भरते हुए कहा कि अपने मित्र देशों से बातचीत के बाद ही हम आईएमएफ की मदद लेंगे या हो सकता है हमें बैलआउट पैकेज की जरुरत ही न हो।

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब में आयोजित निवेश सम्मेलन में शरीक हुए थे। सऊदी ने पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर की राहत राशि को ऐलान कर दिया। इसके बाद इमरान खान मदद के लिए चीन और उसके बाद मलेशिया जायेंगे

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *