Mon. Oct 7th, 2024
    ईरानी राष्ट्रपति

    ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को संबोधन करते हुए इस्लामिक स्टेट के खात्मे की घोषणा की। जबकि एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर सीरिया और इराक के आतंकवादी समूह को हराने के लिए ईरान द्वारा आयोजित अभियानों में “हजारों शहीदों” का धन्यवाद किया।

    इराक और सीरिया में पिछले कई सालों से इस्लामी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का दबदबा था। इसमें लाखों लोगों ने अपनी जानें गंवाई थी, वहीँ बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे। आतंकवाद से बचने के लिए लाखों लोगों ने दुसरे देशों में पलायन किया है।

    रूहानी ने राज्य टीवी पर एक प्रसारण को संबोधित करते हुए कहा कि आज भगवान के मार्गदर्शन और क्षेत्र के लोगों के प्रतिरोध की वजह से हम कह सकते है कि इस्लामिक स्टेट वाले आतंकवाद समूह की बुराईयां या तो कम हो चुकी है या लोगों के सिर द्वारा उठा ली गई है।

    रूहानी ने आगे कहा कि इस्लामिक स्टेट की जड़े व नींव पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, हालांकि इसका अवशेष अभी भी जारी रह सकता है।

    रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने भी घोषणा की

    रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी ने मंगलवार के सर्वोच्च नेता को भेजे गए संदेश में कहा कि इस्लामिक स्टेट को हराया जा चुका है। इसे गार्ड्स की न्यूज वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया गया।

    रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स एक शक्तिशाली सैन्य बल जो अरबों डॉलर का आर्थिक साम्राज्य का भी निरीक्षण करता है। वह सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद और कई वर्षों से बगदाद की केंद्र सरकार के समर्थन में लड़ रहा था। इस्लामिक स्टेट का खात्मा करने के संघर्ष में वरिष्ठ कमांडरों सहित हजारों से ज्यादा गार्ड्स सीरिया और इराक में मारे जा चुके है।

    अमेरिका व इज़राइल पर निशाना साधा

    मंगलवार को रूहानी ने अपने संबोधन में अमेरिका व इज़राइल पर निशाना साधते हुए उन्हें इस्लामिक स्टेट का समर्थन करने वाला बताया। इसके अलावा रूहानी ने अरब देशों की भी आलोचना की।

    सऊदी अरब और अन्य अरब राज्यों के विदेश मंत्रियों ने रविवार को काहिरा में एक आपात बैठक में बुलाई जिसमें ईरान व उसके सहयोगी हिज्बुल्ला की आलोचनी की गई और ईरानी हस्तक्षेप के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चे की मांग की।

    इसके अलावा सुलेमानी ने कहा कि वो हजारों शहीदों और घायल ईरानी, ​​ इराकी,  सीरियन,  अफगान और पाकिस्तानी रक्षकों को धन्यवाद अदा करता है, जिन्होंने ईरान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई करने में हमारी मदद की।