Sun. May 26th, 2024
    लंदन पीओके

    लंदन में विभिन्न कश्मीरी पार्टियों सहित लंदन स्थित कश्मीर वॉयस इंटरनेशनल (केवीआई) ने सर्वसम्मति से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मानवाधिकारों के उल्लंघन की समाप्ति के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है।

    साथ ही कहा है कि पीओके की जमीनी हकीकत का दौरा करने के लिए वहां पर मूल्यांकन करना चाहिए। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को आगे आकर पीओके में चल रहे मानव अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठानी होगी।

    “कश्मीर संघर्ष- एक प्राप्त योग्य हल के लिए आगे रास्ता” विषय पर आयोजित कश्मीर द्विपक्षीय सम्मेलन आयोजित किया गया।  इसमें विभिन्न कश्मीरी गठबंधनों, पार्टियों और समूहों से संपर्क करने और परामर्श लिया गया और पांच सदस्यीय समिति बनाई गई।

    सम्मेलन के समापन के बाद केवीआई द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे है। जिसके खिलाफ आवाज उठाने व उसे खत्म करने की मांग पाकिस्तान सरकार से की गई।

    पीओके में कश्मीरियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग

    सम्मेलन में मांग की गई कि पीओके में कश्मीरियों की गरिमा और स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले सभी कठोर कानूनों को वापस ले लिया जाना चाहिए और राजनीतिक गतिविधियों के लिए लोकतांत्रिक अधिकार और स्थान बहाल किया जाना चाहिए।

    सम्मेलन में यह देखा गया कि पीओके में लोगों के बीच में दमन, उत्पीड़न, असुरक्षा और अनिश्चितता का माहौल पैदा किया जा रहा है और उन्हें तुरंत रोक दिया जाना चाहिए।

    स्थानीय प्रशासन को काम करने की अनुमति

    यहां पर लोगों ने पाकिस्तान सरकार से कश्मीरियों पर किए जा रहे अत्याचारों को रोकने की मांग की और स्थानीय प्रशासन को कश्मीर की ओर से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति देने की मांग रखी।

    कश्मीर मामलों के मंत्रालय को राज्य के मामलों से अपना हाथ वापस लेना चाहिए और स्थानीय प्रशासन को इसके निर्वहन में भरोसा करना चाहिए।

    पार्टी नेताओं ने भी सम्मेलन सहमति व्यक्त की कि अंतरिम संविधान अधिनियम 1974 को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और एक पूर्ण संविधान द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए। इसके अलावा कश्मीरी व्यापारियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान किए जाने की मांग उठाई गई।

    इस सम्मेलन में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी), जम्मू कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट (जेकेएफएम), कश्मीर नेशनल पार्टी (केएनपी) और जम्मू कश्मीर लिबरेशन लीग (जेकेएलएल) सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने भाग लिया ।