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    इराक

    इराक में तीन दिनों से जारी भारी सरकार विरोधी प्रदर्शन में मृतकों की संख्या बढ़कर 34 पर पंहुच गयी है और सैंकड़ो लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। सुरक्षा अधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने गुरूवार को कहा कि “कई दक्षिणी शहरो में कर्फ्यू लगा दिया गया था।”

    इराक में बढती अशांति

    इराक में मानव अधिकारों के लिए स्वतंत्र उच्चायोग के सदस्य अली अकरम अल बयाती ने कहा कि “सुरक्षा सेनाओं और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष बढ़ने से 31 प्रदर्शनकारियो और तीन सुरक्षा कर्मियों की मौत हो गयी थी। करीब 1518 लोग जख्मी है, इसमें 423 इराकी सुरक्षा कर्मी शामिल है।”

    प्रदर्शनकारी मेहदी की सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं और इसका आयोजन इराक में आम जनजीवन की समस्याओं से परेशान होने के बाद किया गया है। इसमें भ्रष्टाचार, सुविधाओं का अभाव और बेरोजगारी है। इराक के प्रधानमन्त्री ने एक तत्काल सुरक्षा बैठक को इन दुखद वारदातों पर चर्चा के लिए बुलाया था।

    बयान के मुताबिक, परिषद् ने जोर दिया कि नागरिको, सार्वजानिक और निजी संपत्ति की रक्षा के लिए पर्याप्त कार्रवाई करनी होगी। प्रदर्शनकारियों की वैध मांगो को पूरा करने के लिए सरकार सभी प्रयास करेगी। नसीरियाह, दिवानियाह और बसरा में प्रदर्शन का आयोजन किया गया था।

    बग़दाद में कई प्रदर्शनकारियों ने युद्ध के प्रसिद्ध सैनिको की तस्वीरे हाथो में उठा रखा थी। इसमें ईरान के आतंकवाद विरोधी सेना के प्रमुख लेफ्टनेंट जनरल अब्दुल वहाब अल सादी भी थे जिन्होंने इस्लामिक स्टेट को युद्ध में शिकस्त दी थी। संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से अधिकतम संयमता बरतने का आग्रह किया है।

    हेन्निस ने इराकी विभागों से शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की सुरक्षा को बरक़रार रखने का आग्रह किया था और जनता, व सार्वजानिक और निजी संपत्ति को बचाने का भी आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि “सभी को कानून के मद्देनजर अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है। साल 2017 में इस्लामिक स्टेट को अधिकारिक अधिकारी शिकस्त दी थी और देश में शान्ति का ऐलान किया था।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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