Thu. Apr 18th, 2024

    इजरायल में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में है। दरअसल, इजरायल के राष्ट्रवादी कट्टरपंथी नेता नफ्ताली बेनेट ने ऐलान किया है कि वह एक संभावित गठबंधन सरकार का हिस्सा बनेंगे, जिससे देश में पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की सत्ता खत्म हो सकती है।

    दक्षिणपंथी नेता नेतन्याहू के विरोध में सांसदों का गठबंधन बनाने की समय सीमा बुधवार को खत्म हो रही है। उससे पहले ही इस गठबंधन को लेकर बातचीत तेज हो गई है। दरअसल, हाल ही में गाजा पट्टी में इस्लामिक चरमपंथी समूह हमास के साथ सैन्य संघर्ष के बाद इजरायल में विपक्ष की गतिविधियों में तेजी आई है।

    प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी ने मंगलवार को नई इजरायली सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रतिद्वंद्वी दक्षिणपंथी पार्टी के प्रस्ताव की वैधता को चुनौती दी लेकिन राष्ट्रपति रेवेन रिवलिन ने इसे खारिज कर दिया। नेतन्याहू के नेतृत्व का विस्तार करने की अंतिम कोशिश को इसे राष्ट्रपति द्वारा दिया बड़ा झटका माना जा रहा है।

    बता दें कि नेतन्याहू के पूर्व रक्षामंत्री नफ्ताली बेनेट ने घोषणा की है कि वे मध्यममार्गी विपक्षी नेता यैर लैपिड के साथ एक प्रस्तावित गठबंधन में शामिल होंगे। इस तरह दोनों दलों के नेता क्रमवार ढंग से प्रधानमंत्री के रूप में काम करेंगे। रिवलिन को अंतिम समझौता पेश करने के लिए उनके पास बुधवार मध्यरात्रि तक का समय है।

    नेतन्याहू की रूढ़िवादी लिकुड पार्टी ने राष्ट्रपति और संसद के कानूनी सलाहकारों को लिखे एक पत्र में कबा कि लैपिड की पार्टी बेनेट को प्रधानमंत्री पद देने के लिए अधिकृत नहीं है। लेकिन रिविलिन के कार्यालय ने जवाब में कहा कि लिकुड के दावे में कोई कानूनी योग्यता नहीं है, क्योंकि लैपिड को वैकल्पिक पीएम के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी। यह सब क्रमवार रूप से प्रमुख बनने का एक हिस्सा है।

    इजरायल में 71 वर्षीय बेंजामिन नेतन्याहू अपनी पीढ़ी की सबसे प्रमुख सियासी शख्सियत हैं। वे पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और 2009 में सत्ता में दोबारा लौटे। वे एक दशक तक देश में शीर्ष पद पर रहे। फिलहाल उन पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात के जरिये भ्रष्टाचार करने के मुकदमे चल रहे हैं। इन कारणों से उनकी हालत विपक्षी नेताओं के बीच काफी कमजोर है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *