टीवी शो ‘भाभीजी घर पर है‘ के विभूति नारायण मिश्रा को तो आप जानते ही होंगे। ये किरदार मशहूर अभिनेता आसिफ शेख निभा रहे हैं। भले ही किरदार आज कितना भी बड़ा और लोकप्रिय क्यूँ न हो गया हो लेकिन आसिफ को ये मिलने से पहले बहुत संघर्ष करना पड़ा था। एक इंटरव्यू में, आसिफ ने अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बताया और कहा कि ऐसे भी दिन हुआ करते थे जब उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं होते थे।
उनके मुताबिक, “मेरे पिता ने मुझे लगभग अस्वीकार कर दिया था जब मैंने उनसे कहा था कि मैं थिएटर में अपना करियर बनाना चाहूंगा। वह मेरे करियर की पसंद से निराश थे और थिएटर को करियर नहीं मानते थे।” उन्होंने कहा कि उनकी प्रसिद्धि की यात्रा कई बाधाओं से भरी हुई थी क्योंकि वह एक प्रभावशाली परिवार से नहीं थे।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें शहर में बसने में बहुत कठनाई महसूस हुई थी क्योंकि उनके पास पैसा और आश्रय नहीं था जिस पर निर्भर कर सकें। उन्होंने कहा-“मुझे शहर में जीवित रहने के लिए अपने पास मौजूद एकमात्र सोने की चेन को बेचना पड़ा। सबसे लंबे समय तक, मेरे पास जीवित रहने के लिए भोजन खरीदने तक के पैसे नहीं थे और हफ्तों तक नूडल्स पर जीवित रहा। उन दिनों ने मुझे जीवन और वास्तविकता के बारे में बहुत कुछ सिखाया।”
उन्होंने आगे खुलासा किया कि वह थिएटर में शामिल हुए और शहर में बड़ा नाम कमाने के लिए अपने शिल्प पर काम किया। उनके मुताबिक, “थिएटर इंडस्ट्री में अपना रास्ता बनाना आसान नहीं था, मैंने नाटकों में एक थियेटर हेल्प के रूप में काम किया और बेहद छोटी भूमिकाएं निभाई, ये सब अपने अभिनय करियर को आकर देने के लिए। मैं मुश्किल से 18 साल का था जब मैंने अपने पहले शो के लिए काम करना शुरू किया। मुझे याद है कि मैं इस भूमिका के लिए ऑडिशन देते वक़्त कितना घबरा गया था और लगभग स्टूडियो से भाग गया था।”