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    इमरान खान

    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान में सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ पर देश में आर्थिक संकट से निपटने के लिए पर्याप्त नीतियों को न अपनाने का आरोप लगाया था। आईएमएफ ने मौजूदा पीटीआई सरकार पर देरी करने और अब तक असंतोषजनक नीतियों को सुधारने का आरोप लगाया है।

    आईएमएफ के मुताबिक, वित्त वर्ष के पहले आधे महीने में गिरावट सार्थक थी इसके बावजूद दो बजट संसोधन अपनाए गए। आखिर में गैस और उर्जा में की गयी शुल्क वृद्धि पहली तिमाही के नुकसान को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है आईएमएफ ने यह बयान स्टाफ रिपोर्ट में दिया था।

    आईएमएफ ने बताया कि उसके कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंज़ूरी दे दी है। एजेंसी ने पीएमएलएन सरकार को असंतुलित नीतियों और खत्म न होने वाले सुधारों के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

    दिशा से भटकी हुई लार्ज फिस्कल पालिसी ने मुद्रा नीति को खो दिया था और हालिया वर्षो में अधिक मूल्य विनिमय दर का, ईंधन का उपयोग और शोर्ट टर्म ग्रोथ का बचाव किया। इससे आंतरिक और सार्वजानिक कर्ज बढ़ गया था और अंतरराष्ट्रीय संसाधन कम हो गए।

    आईएमएफ ने ढांचागत प्रगति के कमतर विकास पर भी सवाल उठाये थे, जो निवेश को प्राभावित कर रहा है और  असक्षम सरकारी संगठनो को व्यापक अधिकारिक अर्थव्यवस्था का विस्तार करने की अनुमति दी है।

    आईएमएफ ने बयान में कहा कि “एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने पाकिस्तान को तत्काल एक अरब डॉलर भेजने की मंज़ूरी दे दी है। शेष रकम कार्यक्रम के चरण के दौरान अदा की जाएगी। इसमें चार तिमाही समीक्षा और अर्धवार्षिक समीक्षा होगी। यह कर्ज का कार्यक्रम पाकिस्तान को आर्थिक मुश्किलो को कम करने और सतत व संतुलित वृद्धि करने में मददगारी साबित होगी।”

    एशियाई डेवलपमेंट बैंक ने भी ऐलान किया कि वह पाकिस्तान को विभिन्न आर्थिक विकास की परियोजनाओं के लिए अगले पांच वर्षों में 10 अरब डॉलर राशि कर्ज पर देने की योजना बना रहे हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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