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आरबीआई की एमपीसी बैठक

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को छोटे और सीमांत किसानों की मदद के लिए कोलैटरल फ्री कृषि ऋण की सीमा को मौजूदा 1 लाख रुपये से 1.6 लाख रुपये कर दिया। पियूष गोयल द्वारा पेश किये गए बजट में किसानों के लिए वार्षिक 6000 रूपए वेतन की घोषणा की गयी थी जोकि किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी थी।

आरबीआई की योजना की पूरी जानकारी :

बजट के बाद अब आरबीआई ने किसानों को एक और खुशखबरी दी है जिसके अंतर्गत अब किसान बिना कुछ गिरवी रखे पिछले 1 लाख की लिमिट को बढ़ाके अब 1.6 लाख कर दी गयी है। आरबीआई की 1 लाख की सीमा वर्ष 2010 में निश्चित की गयी थी जोकि अब बढ़ाकर 1.6 लाख कर दी गयी है।

इसने आगे कहा कि वर्षों में कृषि ऋण वृद्धि महत्वपूर्ण रही है। इसके बावजूद, कृषि असमानता जैसे क्षेत्रीय असमानता और कवरेज की सीमा से जुड़े मुद्दे हैं। इन्हीं मुद्दों को खंत्म करने के लिए आरबीई ये कोशिश कर रहा है।

आरबीआई का बयान :

आरबीआई ने इस नयी योजना के बारे में रिपोर्ट में बयान दिया की “तब से समग्र मुद्रास्फीति और कृषि इनपुट लागतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, जमानत-मुक्त कृषि ऋणों की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय बैंक के ‘स्टेटमेंट ऑन डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसीज’ ने कहा, “यह औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के कवरेज को बढ़ाएगा।”

किसान निधि योजना के बारे में पूरी जानकारी :

यूनियन बजट में घोषित की गयी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों को तरजीह दी है। किसानों के लिए सीधी राहत की घोषणा करते हुए सरकार ने 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की मदद दिए जाने का एलान किया है। किसानों को यह रकम सीधे उनके खाते में दी जाएगी।

किसान सम्मान निधि योजना का एलान करते हुए गोयल ने कहा कि एक दिसंबर 2018 से यह रकम किसानों के खाते में डाली जाएगी।

वित्तमंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के लिए दो फीसदी इंटरेस्ट सबवेंशन यानी ब्याज में दो फीसदी की छूट देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा फसल ऋण का समय से भुगतान करने पर तीन फीसदी का इंटरेस्ट सबवेंशन भी प्रदान करने की घोषणा की गई है।

By विकास सिंह

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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