अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन ने मंगलवार को कहा है कि उसके द्वारा स्पेक्ट्रम सिलसिले में एरिक्सन इंडिया को किये जाने 550 करोड़ के भुगतान के लिए उसने 60 दिन की मोहलत की मांग की है।
एरिक्सन इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 1 अक्टूबर 2018 को रिलायंस से 550 करोड़ कि लेनदारी के संबंध में ही माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की है। जिसके लेकर रिलायंस ने कहा है कि याचिका अनचाही है।
इसके पहले रिलायंस ने कहा है कि उसने 28 सितंबर को ही देश की सर्वोच्च न्यायालय में राशि चुकाने की अवधि को 60 दिन के लिए बढ़ाने के लिए याचिका दे दी थी। इस मामले की सुनवाई आगामी 4 अक्टूबर को होगी।
रिलायंस ने बताया कि इस अवधि को बढ़ाने का कारण यह है कि वो स्पेक्ट्रम को बेंच कर ही एरिक्सन का भुगतान कर पाएंगे। आगे उसने यह भी कहा कि यह डील रिलायंस के हस्तक्षेप के बिना असंभव है।
रिलायंस कम्युनिकेशन ने ये भी बताया है की उसने 7 अगस्त 2018 को ही डिपार्टमेन्ट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन (डॉट) में बिक्री संबंधी मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया था। हालाँकि इसके लिए 28 अगस्त से ही सुनवाई चल रही है तथा 1 अक्टूबर को ही टेलीकॉम ट्रिब्यूनल द्वारा रिलायंस को अन्तरिम राहत भी दे दी गयी है।
इसके पहले ही अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन ने जियो के साथ एक पैक्ट साइन किया था, जिसके तहत वायरलेस स्पेक्ट्रम, टावर तथा फाइबर केबल नेटवर्क जियो को देने की बात हुई थी। माना जा रहा है कि अनिल अंबानी ये डील अपने ऊपर से कर्ज को कम करने के लिए कर रहे हैं।
ये डील दिसंबर 2017 में हुई थी जिसके तहत इस डील में 122.4 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम, करीब 43,000 टावर, कई हज़ार किलोमीटर की फ़ाइबर केबल सम्मिलित है।