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    आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना को लागू किये 100 दिन हो गए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी 100 दिन कहा है। जेटली ने इस योजना को गेम चेंजर बताते हुए कहा कि सार्वजानिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना एक क्रांतिकारी कदम है।

    अरुण जेटली ने बताया के इस योजना के अंतर्गत 6.85 लाख मरीजों को अस्पताल में इलाज उपलब्ध कराया गया जबकि प्रतिदिन 5000 दावों के हिसाब से अब तक 5.1 लाख दावों का भुगतान किया गया। ये योजना 23 सितम्बर 2018 को लांच किया गया था।

    जेटली ने कहा कि पहले जहाँ अत्यधिक खर्चों के डर से गरीब वर्ग अस्पताल जाने से कतराता था वहीँ अब तक इस योजना के अंतर्गत 40 फीसदी गरीब वर्ग ने अस्पताल की और रुख किया।

    आयुष्मान भारत के 100 दिन नाम से एक फेसबुक पोस्ट में जेटली ने दावा किया कि ये 100 दिन सार्वजानिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में 100 कदम के समान साबित हुए हैं।

    वित्त मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों के कर्मचारियों, सरकारी कर्मचारियों और कुछ कारपोरेट कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं हासिल हैं, लेकिन करीब 62.58 फीसद भारतीय आबादी को अपने चिकित्सा खर्च का भुगतान खुद ही करना पड़ता है और ज्यादातर यह भुगतान करने में असमर्थ होते हैं।

    https://www.facebook.com/notes/arun-jaitley/100-days-of-aayushman-bharat/937207686467780/

    उन्होंने कहा कि जैसे जैसे इसके बारे में जागरूकता बढ़ेगी आने वाले समय में इस योजना के अंतर्गत 1 करोड़ गरीब परिवार समायोजित हो जायेंगे।

    उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 16,000 सरकारी एवं निजी अस्पताल पंजीकृत हैं और यह संख्या धीरे धीरे बढ़ती जा रही है। इसमें से 50 प्रतिशत पंजीकृत अस्पताल निजी क्षेत्र से हैं। इस तरह से मरीज पंजीकृत अस्पताल में उपचार के लिये पंजीकरण करा सकते हैं और 5 लाख रूपये तक की राशि का उपचार करा सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि ऐसे वक़्त में जब भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में कमियों का उल्लेख किया जाता रहा है, आयुष्मान भारत एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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