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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा आर्थिक टीम में सुधार के बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज हासिल करने के पाकिस्तान काफी नजदीक पंहुच गया है। हाल ही में उन्होंने एक पूर्व अधिकारी को राष्ट्र के केन्दीय बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था।

    आईएमएफ में आला पद पर बीते 18 वर्षों से रेज़ा बाक़िर कार्यरत थे और उनका नाम का ऐलान स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के लिए बीते अब्दुल हफ्ते घोषित किया गया था। पूर्व गवर्नर तारिक़ बाजवा को टैक्स कलेक्टिंग एजेंसी के प्रमुख मोहम्मद जहांजेब खान के साथ बर्खास्त कर दिया गया था।

    अप्रैल माह की शुरुआत में वित्त मंत्री असद उमर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके स्थान पर विश्व बैंक के पूर्व अधिकारी अब्दुल हफ़ीज़ शैख़ को नियुक्त किया गया था। आरिफ हबीब कॉर्पोरेशन के प्रमुख मुहम्मद आरिफ हबीब ने कहा कि “शैख़ और बाक़िर का अनुभव का मतलब वह आईएमएफ के सन्देश को परिवर्तित करने की बेहतर स्थिति में होंगे और सरकार व आईएमएफ के बातचीत आसान हो जाएगी।”

    नकदी से संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को संतुलन के लिए वित्तीय सहयता की जरुरत है। दक्षिण एशियाई राष्ट्र ने साल 1980 से 12 आईएएफ के बेलआउट पैकेज ले रखे हैं।

    शैख़ अब आईएमएफ की टीम से कर्ज के पैकेज के लिए बातचीत करेंगे। इस टीम के प्रनिधित्व प्रमुख रामिरेज रिगो हैं, जो अधिकारीयों से बातचीत के लिए इस्लामाबाद में हैं। कई मतभेदों के कारण पाकिस्तान की आईएमएफ से बातचीत ठप पड़ी हुई है।

    आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान अपना टैक्स टू जीडीपी दे में वृद्धि करे और वित्तीय छिद्रो को भरने के लिए सार्वजानिक उद्योगों से वसूली करे। फरवरी में एसएंडपी ग्लोबन रैंकिंग में पाकिस्तान का क्रेडिट स्कोर गिरा था जो कमजोर आर्थिक हालात का इशारा देता है। बीते वर्ष रूपए 18 प्रतिशत गिरा है जो एशिया में सबसे खराब प्रदर्शित मुद्रा है।

    पाकिस्तान ने अपने मैत्रीपूर्ण देशों जैसे चीन, सऊदी अरब और यूएई से वित्तीय सहायता ली है, इसके बावजूद आर्थिक हालातो में कोई सुधार नहीं है। सरकार धीमी आर्थिक वृद्धि और कमजोर रेवेन्यू कलेक्शन से जूझ रही है, जिसने उनकी व्यव की क्षमता को सिमित कर दिया है। प्रशासन को इस माह के अंत में पहला बजट भी पेश करना है।

    आईएमएफ के साथ समझौते से पाकिस्तान के लिए बाहरी वित्तीय सहायता के द्वार खुल जायेंगे। इससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में स्थिरता आ जाएगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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