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    iran and america

    ईरान (Iran) के ख़ुफ़िया मंत्री और फिलिस्तीन के इस्लामिक आंदोलन हमास के आला अधिकारीयों ने वांशिगटन की मध्य पूर्व के लिए लायी शांति योजना से मुकाबला करने पर सहमति जाहिर की है। स्टेट न्यूज़ एजेंसी आईआरएनए ने सोमवार को यह रिपोर्ट भेजी थी।

    लेबनॉन में हमास के सूत्र में एएफपी से कहा की दोनों पक्षों ने बेरूत में ईरानी दूतावास में वार्ता की थी। आईआरएनए के मुताबिक, महमूद अलवी ने हमास के उपप्रमुख सालेह अल जरूरी और अन्य अधिकारीयों से मुलाकात की थी इसमें लेबनान में आंदोलन के प्रतिनिधि अहमद अब्दुलहड़ी भी शामिल थे।

    दोनों पक्षों ने अमेरिकी सत्कार की तरफ से चुनौतियों और बढ़ते खतरों से निपटने की जरुरत पर सहमति जाहिर की थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका की शांति योजना को “डील ऑफ़ द सेंचुरी” करार दिया है। अमेरिका के शान्ति प्लान को अभी भी उजागर करा शेष है जिसे पहले से ही फिलिस्तीन ने ख़ारिज कर दिया है।

    फिलिस्तीन के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियां पक्षपाती तरीके से इजराइल के पक्ष में होती है। अमेरिका  के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य पूर्व राजदूत ने रविवार को संकेत दिए कि इजराइल -फिलिस्तीन शान्ति योजना का खुलासा नवंबर की शुरुआत में हो सकता है।

    येरुशलम पोस्ट के इंटरव्यू में अमेरिकी राजदूत जैसन ग्रीनब्लाट ने कहा कि “मेरे ख्याल से इसका लॉजिक यह है कि हम इजराइल में नयी सरकार के गठन का इन्तजार कर रहे हैं। हमें वाकई 6 नवंबर तक इन्तजार करने की जरुरत है।”

    जारेड कुशनर अमेरिका के मध्य पूर्व शान्ति योजना के रचियता है और इस योजना से पर्दा इस महीने उठना था। वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार जारेड कुशनर ने कि “फिलिस्तीनी आवाम अभी खुद पर शासन करने के लिए सक्षम नहीं है।”

    फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री ने बीते हफ्ते कहा कि “फिलिस्तीन के संघर्ष का कोई भी समाधान राजनीतिक होना चाहिए और यह अधिग्रहण के खात्मे पर आधारित होना चाहिए।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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