अमेरिका और रूस के मध्य खुद को सर्वशक्तिमान साबित करने की होड़ लगी हुई है। इसी के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि रूस के उल्लंघन के कारण शीत युद्ध के दौरान हुई संधि से अमेरिका बाहर निकलना चाहता है।
साल 1987 में दी इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव के बीच हुई थी। इस संधि के मुताबिक दोनों राष्ट्र शोर्ट रेंज और इंटरमीडिएट रेंज के हथियार का निर्माण नहीं कर रहे सकते थे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कल एक रैली में पत्रकारों से कहा कि अफ़सोस रूस इस संधि से संतुष्ट नहीं था इसलिए हम इस समझौते को तोड़ते हैं और हम इससे बाहर निकलते हैं।
रुसी विदेश प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि खुदगर्ज अमेरिका का इस संधि से बाहर निकलना बहुत खतरनाक साबित होगा। रूस प्रतिशोध के लिए सैन्य तकनीक का नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए इस संधि को तोड़ना मुनासिब नहीं होगा।
डोनाल्ड ट्रम्प के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन अगले सप्ताह बैठक के लिए मास्को जायेंगे। रुसी प्रवक्ता ने कहा कि दौरे के दौरान व्लामिदिर पुतिन इस मसले पर अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार से जवाब मांगेंगे।
अमेरीकी विभाग को यकीन है कि रूस इस संधि का उल्लंघन कर परमाणु हथियार का निर्माण कर रहा है। इस परमाणु हथियार का इस्तेमाल रूस यूरोप में करेगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका भी हथियारों का निर्माण करेगा।
रुसी प्रवक्ता ने कहा कि जब अमेरिका इस संधि से बाहर निकल चुका है तो रूस के पास एक समक्ष प्रतिशोध के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है। उन्होंने कहा अमेरिका का इस संधि से बाहर निकलना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
रुसी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका इस संधि का उपयोग रूस को ब्लैकमेल करने के लिए कर रहा है और वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है।
जर्मनी के विदेश प्रवक्ता ने इस बारे में कहा है कि 30 वर्षीय यह संधि यूरोप की सुरक्षा का ढांचा था। उन्होंने कहा वह अमेरिका से दरख्वास्त करेंगे कि इस संधि को तोड़ने के परिणाम को समझकर ही निर्णय ले।