Wed. Oct 16th, 2024
    ईरान अमेरिका

    ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि वह अमेरिका के साथ कोई युद्ध नहीं चाहते हैं। ईरान के खत्म की गई परमाणु संधि में अमरीका देर-सवेर ही सही सहयोग करेगा।

    मीडिया को संबोधित करते हुए हसन रूहानी ने कहा मई 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ना अमेरिका की गलती हो सकती है क्योंकि इससे न अमेरिका का , न यूरोप का और न किसी अन्य देश का कोई फायदा है।

    ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि ट्रम्प कंपनी ने दूसरी गलती संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपनी जागीर समझकर की। इसमे अमरीका, ईरान और अन्य पांच देशों के मध्य हुई संधि के विषय मे बातचीत होने के आसार थे। उन्होंने कहा अमेरिका ने इस बैठक में परमाणु संधि की मुख़ालफ़त की। यहां तक कि ईरान अलग-थलग करने की बाात भी कही।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने उस बैठक में कहा कि यह एकतरफा हित की संधि थी। उन्हीने कहा ईरान को कभी परमाणु हथियार रखने की अनुमति नही देंगे।

    हसन रूहानी ने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक, अभूतपूर्व और अजीब है कि सुरक्षा परिषद के मुखिया डोनाल्ड ट्रम्प अन्य सदस्यों से इस कानूनी संधि को तोड़कर नियमों का उल्लंघन करने को कह रहे है।

    ट्रम्प प्रशासन की तीखी भाषा के बाबत हसन रुहानी ने कहा साल 1979 की क्रांति के बाद से ईरान ऐसी भाषा का आदि हो गया है। हालांकि ट्रम्प कंपनी अभी सत्ता में नई है शायद इसलिए भाषा से इत्तेफाक नही रखते।

    उन्होंने कहा उन्हें अमेरिका के साथ विश्व के किसी भी हिस्से में युद्ध करने की इच्छा नहीं है और न ही वह उन पर हमला करेगे। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा अमेरिका को खाड़ी देशों, इराक, अफगानिस्तान और अन्य इलाकों में अपने दखल के विषय मे एक बार सोचना चाहिए।

    हसन रूहानी ने कहा कि संधि के पक्षधर देशों के साथ वह कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा ईरान अभी भी इस संधि में है और उनके समक्ष काफी विकल्प और उपाय है जिन पर वह कार्य करना प्रारम्भ करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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