भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में आगामी लोक सभा चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है और इस धमाकेदार शुरुआत में पहला धमाका किया है तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर।
उन्होंने कहा-“20-25 नेता हाथ पकड़ कर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं हरा सकते हैं, उन्हें 100 करोड़ लोगों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।” आगे मोदी-विरोधी रैली पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शनिवार को कोलकाता में हुई रैली में नौ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।
उनके मुताबिक, “ये क्या गठबंधन है? यह सत्ता और स्वार्थ के बारे में है। उन्होंने वंदे मातरम और भारत माता की जय का जाप नहीं किया।”
भाजपा प्रमुख ने लोगों से पार्टी के लिए वोट करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अवैध अप्रवासी राज्य में प्रवेश नहीं कर पाए और नागरिकता विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को हिम्मत करने के लिए कहा। उनके मुताबिक, “ममता बनर्जी बिल का विरोध करेंगी क्योंकि वह केवल अपने वोटबैंक के बारे में सोचती हैं।”
यह आरोप लगाते हुए कि राज्य सरकार बंगाल की संस्कृति को नष्ट कर रही है, अमित शाह ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव यह निर्धारित करेंगे कि ‘भ्रष्ट’ तृणमूल अभी भी सत्ता में रहेगी या नहीं।
भाजपा प्रमुख ने कहा कि बंगाल जो कभी देश का नेता था, वह अब कम रैंक वाले राज्यों में से है। उनके मुताबिक , “बंगाल सरकार के कर्मचारियों को उनके केंद्रीय सरकार के समकक्षों की तुलना में 49% कम डीए मिलता है। पैसा कहां गया है।” उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार का प्रदर्शन ऐसा रहा है कि लोगों को लगता है कि वामपंथ बेहतर था।
अमित शाह ने कहा कि तृणमूल सरकार को भाजपा के विकास से डर लग रहा है और इसीलिए उसने बंगाल में भाजपा की रथयात्रा को रोक दिया। “प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया गया है। मेरे हेलीकाप्टर के लिए और रथयात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं थी। ममता हमारी यात्रा को रोक सकती हैं, लेकिन बीजेपी को लोगों के दिलों से नहीं निकाल सकतीं।”
भाजपा 8 फरवरी तक राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों में शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और योगी आदित्यनाथ सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा सार्वजनिक बैठकों की एक श्रृंखला की योजना बना रही है।
2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा की योजना में बंगाल महत्वपूर्ण है और पार्टी ने राज्य में 22 सीटों का लक्ष्य रखा है। पार्टी की वर्तमान में राज्य में दो सीटें है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं द्वारा इसमें शामिल होने की वजह से पार्टी को काफी बल है।