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    अब्दुल्ला यामीन मालदीव

    मालदीव की शीर्ष अदालत ने राष्ट्रपति की याचिका को खारिज कर दोबारा चुनाव के लिए इनकार कर दिया है। अब्दुल्ला यामीन ने कहा था कि बीते वर्ष हुए चुनाव में हेराफेरी हुई थी। पिछले माह हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार इब्राहीम सोलिह की जीत हुई थी।

    पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि राष्ट्रपति यामीन चुनावों में धांधली की बात को साबित करने में असमर्थ रहे हैं। 23 सितम्बर में हुए चुनाव में मुहम्मद सोलिह की जीत के बाद राष्ट्रपति यामीन ने अंतर्राष्ट्रीय दबाव में अपनी हार स्वीकार कर ली थी

    राष्ट्रपति यमीन ने इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जबकि अमेरिका और भारत जैसे देश निरंतर निष्पक्ष चुनाव के लिए चेतावनी दे रहे थे। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता अब्दुल्ला यामीन की याचिका के खारिज होने के बाद शीर्ष अदालत के बाहर जश्न मना रहे हैं।

    विपक्षी दल की नेता मरिया दीदी ने कहा कि अब्दुल्ला यामीन को सत्ता का हस्तांतरण कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केस अनुमान और षड्यंत्र पर आधारित है। अब्दुल्ला यामीन ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया में मिटने वाले पेन का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को झूठा बताया।

    पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत ने अब्दुल्ला यामीन के तीन बेनाम गवाहों की गवाही लेने से इनकार कर दिया जिन्हें चुनाव धांधली को साबित करना था। इसके अगले दिन ने अब्दुल्ला यामीन ने चुनाव में हार को स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा यह उनके कार्यकाल का आखिरी भाषण है। राष्ट्रपति का कार्यकाल 17 नवम्बर को समाप्त हो रहा है। अब्दुल्ला यामीन ने कहा कि उनके कार्यकाल में वह जनता की ख्वाहिशों को पूर्ण करने में विफल रहे हैं।

    माले में अदालत की सुनवाई के दौरान अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि यदि मालदीव की जनता की इच्छा के साथ नाइंसाफी हुई तो इसके खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे। यूरोप और भारत ने भी इससे पूर्व मालदीव को चेतावनी दी थी।

    फ़रवरी में अब्दुल्ला यामीन ने शीर्ष अदालत के विपक्षी नेताओं की रिहाई के आदेश को नकारते हुए जजों को की जेल में डाल दिया और मालदीव में 45 दिनों का आपातकाल भी लगा दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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