मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने पिछले माह हुए राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी की हार के लिए बिना स्याही के पेन और बैलट पेपर को दोषी ठहराया है।
मालदीव के सत्तासीन कद्दावर नेता की उम्मीदों को 23 नवंबर को हुए चुनावों में झटका लगा था। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने विपक्षी नेताओं को सलाखों में डाल दिया था और चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने की धमकी दी। सत्ता के मद में चूर राष्ट्रपति के अरमानों पर तब पानी फिर जब विपक्षी दलों नें गठबंधन बनाया और उनके राष्ट्रपति पद के दावेदार को चुनाव में जीत मिली।
अब्दुल्ला यामीन ने शुरुआत में चुनावी हार को स्वीकार लिया था और सत्ता के हस्तांतरण को तैयार था। लेकिन पिछले हफ्ते अब्दुल्ला यामीन की पार्टी ने चुनाव में हेराफेरी को लेकर अदालत में याचिका दायर की।
अदालत में सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला यामीन के वकील ने कहा कि वोटों की हेराफेरी के लिए बैलट पेपर प्रिंट किये गए। ताकि राष्ट्रपति को हराया जा सके। वकील ने कहा कि उनके मुव्वकिल के लिए मतदान करने जा रहे लोगों को एक विशेष पेन दिया गया जिसमे स्याही नदारद थी।
चुनाव आयोग के वकील ने अब्दुल्ला यामीन की हार के लिए विशेष स्याही वाले पेन और प्रिंटर से छेड़छाड़ करने के आरोपों को ख़ारिज किया।
अदालत की सुनवाई से एक दिन पूर्व अमेरिका ने चेतावनी दी कि इस केस का फैसला मालदीव के नागरिको की इच्छा के अनुरूप ही होना चाहिए। इससे पूर्व यूरोप और भारत भी ऐसी ही चेतावनी दे चुके हैं।
अमेरिका और उसके साझेदार मित्र चीन के हिन्द महासागर द्वीप में बढ़ते प्रभाव से अवसाद में थे। खासकर अब्दुल्ला यामीन का कार्यकाल में मालदीव की चीन से अधिक नजदीकियां बढ़ी है।
अब्दुल्ला यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ़ मालदीव ने कहा कि यह चुनाव पक्षपातपूर्ण थे जिसके यादे नागरिकों के जहन में रहेगी। अब्दुल्ला यामीन की दायर याचिका के खिलाफ मालदीव के नागरिकों ने अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को जेल में डालने के नारे लगाए।