बॉलीवुड के गायक सोनू निगम ने आजतक के कार्यक्रम मुंबई मंथन में अजान पर बोलते हुए कहा कि मैने एक लाउडस्पीकर से जुड़े एक मुद्दे पर सवाल कर दिया था, लोगों ने उसे साम्प्रदायिकता से जोड़ दिया था। सोनू निगम ने धर्म, साम्प्रदायिकता और बॉलीवुड को लेकर सब मुद्दों पर अपनी राय रखी।
सोनू निगम ने जब अज़ान को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था, उसपर सफाई देते हुए सोनू ने कहा कि मैं इस पूरी बात से हैरान हूं, मैं नास्तिक नहीं हूं, लेकिन मैं धार्मिक नहीं हूं। मुझे किसी भी धर्म को फॉलो करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मैं सब लोगो में भगवान देखता हूं। सोनू ने आगे कहा कि मेरे दोस्त जो मेरे 20 वर्ष से साथ थे, लेकिन उस बयान के बाद मेरे दोस्त अचानक मजहबी बन गए। मेरे उस्ताद मोहम्मद रफ़ी है, जिन्हे में रो-रोकर सुनता हूं लेकिन मेरे दोस्तों ने मेरी बात का मर्म नहीं समझा था। लोगो ने मेरा साथ भी दिया, जिन लोगो से में अब मिलता हूं वो कहते है आपने अच्छा मुद्दा उठाया और अच्छे सलीके से उठाया। सोनू ने आगे कहा कि मुझे धमकी भी दी गई, मेरे खिलाफ फतवा भी जारी किया गया।
सोनू निगम को अज़ान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि मैं कल रात को ही ऑस्ट्रेलिया से आया हूं, मैं अच्छे से सोया हूं। लाउडस्पीकर का मुद्दा केवल मेरे स्टूडियो में है। सोनू ने आगे कहा कि जब मैने यह सवाल उठाया तो मेरे घर के पास ही लाउडस्पीकर बजना शुरू हो गया। मुझे लगता है कि हर इंसान का फर्ज बनता है कि जो गलत दिखता है उसके खिलाफ आवाज उठाये तकलीफ का हिस्सा ना बने। अजान मामले में भी धर्म जुड़ गया था, मैने केवल अजान को लेकर बात नहीं की थी। भारत में लोग बात के मर्म को नहीं समझते, मैने उस ट्वीट में मंदिर और गुरद्वारे के बारे में भी लिखा है, लेकिन केवल अजान को देखा गया और उसे धर्म से जोड़ा गया।
थिएटर में राष्ट्रगान नहीं बजना चाहिए
सोनू निगम ने लोगो की शांति को लेकर कहा कि भारत में नियम है कि रात 10 बजे के बाद आप म्यूजिक नहीं चला सकते तो मैं इस बात की इज़्ज़त करता हूं, मैं कभी भी कॉन्सर्ट को 10 बजे के बाद नहीं जारी रखा है। सोनू निगम ने आगे राष्ट्रगान को लेकर हुए विवाद पर बोलते हुए कहा कि अभी जब में सिंगापुर में था तो मुझसे पूछा गया था कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजना चाहिए या नहीं? मैने जवाब देते हुए कहा कि इसे आप रेस्टोरेंट, मूवी हॉल में बजाकर छोटा ना कीजिये, मैं अपने माँ-बाप को वहीं ले जाऊंगा जहा उनकी इज़्ज़त होगी। मेरे हिसाब से मूवी हॉल में राष्ट्रगान नहीं बजना चाहिए, ये उसकी गरिमा को छोटा करता है। और अगर सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बज रहा है तो सबको खड़ा होना चाहिए इसकी इज़्ज़त करनी चाहिए, इसमें एरोगेंस नहीं दिखाना चाहिए।
सोनू ने आगे कहा कि मैं सबका सम्मान करता हूं अगर कही पकिस्तान का राष्ट्रगान भी बज रहा है तो में वहां उसके सम्मान में खड़ा हो जाऊंगा। अपनी विचारधारा के बारे में पूछने पर सोनू ने कहा कि में ना तो दक्षिणपंथी हूं और ना ही वामपंथी हूं, में बीच में हूं।
जिन्हे गाना नहीं आता वे भी आजकल गए रहे है
सोनू निगम ने बॉलीवुड के गायको पर बात करते हुए कहा कि इंडस्ट्री में थोड़े ही लोग है जो अच्छा काम कर रहे है, अरिजीत और अरमान मालिक अच्छा गाना गए रहे है लेकिन कई ऐसे सिंगर भी है जो गाना भी नहीं जानते फिर भी गा रहे है। मैने रफ़ी साहब को अपना आदर्श माना, लेकिन कभी उनकी तरह बनने की कोशिश नहीं की।
चाहता हूं हालत सुधरे
सोनू निगम ने मुंबई प्रशाशन और इस वर्ष हुई बारिश पर बोलते हुए कहा कि एक अच्छे नागरिक के तौर पर यही कहना चाहता हूं कि मुझे किसी से कोई शिकवा नहीं है। मुंबई में सरकार को 3 साल हुए है इनका प्रयास दिख रहा है, भविष्य में चाहता हूं कि मुंबई में यातायात और सड़क के हालत ठीक हो।
नोटबंदी पर मेरे और पिताजी के ख्याल अलग
सोनू निगम ने नोटबंदी पर बोलते हुए कहा कि मेरे पापा नोटबंदी के खिलाफ थे, परन्तु मुझे लगता है की ये कदम एक अच्छा कदम था। कम से कम कोई तो सोच रहा है कुछ करने का।
सोनू निगम ने मोदी सरकार के कामकाज पर बोलते हुए कहा कि आप लोग अच्छा काम कर रहे है, प्रयास दिख रहा है और कुछ लोग गर्दन पर तलवार लेकर बैठे है यह सही भी है तभी सरकार अच्छे से काम करेगी।