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    अखिलेश यादव

    समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपना सरकारी बंगला खाली किया। अखिलेश यादव को आबंटित किया गए, लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित अपने आवास की चाबियाँ उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के एस्टेट डिपार्टमेंट को सोंप दी।

    आपको बतादे, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 7 मई को, उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने के आदेश दिए थे, न्यायलय के आदेशों के अनुसार राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, मायावती, मुलायम सिंह यादव अपना सरकारी आवास खाली कर चुकें हैं।

    उत्तर प्रदेश सरकार के एस्टेट डिपार्टमेंट के अधिकारी योगेश कुमार शुक्ल के अनुसार, “अखिलेश यादव ने कल रात(8 मई) को अपने सरकारी आवास की चाबियाँ डिपार्टमेंट को सोंप दी। अब सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी अपने सरकारी आवास में राज रहे हैं।”

    पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की पत्नी उज्ज्वला तिवारी ने अपने पति की बिघडती सेहत का कारन देते हुए बंगला खाली करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से कुछ समय माँगा हैं। आपको बतादे, नारायण दत्त तिवारी की सेहत बहुत ख़राब हैं, वे दिल्ली में अपना इलाज करवा रहे हैं।

    उज्ज्वला तिवारी ने कहा, “वे(नारायण दत्त तिवारी) पिछले आठ महीनों से बीमार हैं, और चल-फिर नहीं सकते। और मरे लिए यह संभव नहीं हैं, की मैं लखनऊ आकर बंगला खाली करूं।”

    सोशल मीडिया पर वायरल विडियो क्लिप के अनुसार अखिलेश यादव जिस सरकारी बंगले में रह रहे थे, उसे क्षति पहुंचाई गयी हैं। इस विषय पर उत्तर प्रदेश सरकार के एस्टेट डिपार्टमेंट के अधिकारी योगेश कुमार शुक्ल ने कहा, “हम सरकार द्वारा दिए गए चीजों का ब्यौरा चेक करेंगे, अगर किसी सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई गयी हैं, तो निवासी(अखिलेश यादव) को क़ानूनी नोटिस भेजा जाएगा।”

    समाजवादी पार्टी के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल यह क्लिप को समाजवादी पार्टी की छवि को ख़राब करने के हेतु से वायरल किया गया हैं। पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह सजन के अनुसार, “यह योही सरकार की साजिश हैं, जिसके चलते समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की छवि ख़राब हों सके।” प्रवक्ता ने पूछा की क्यों राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह के बंगलों को मीडिया पर दिखाया गया।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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