Sun. Nov 17th, 2024

    Tag: वांग यी

    विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का चीन दौरा: महत्वपूर्ण जानकारी

    भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज,अपने चार दिवसीय चीन के दौरे पर शनिवार देर रात बीजिंग पहुंची। इस दौरे का मुख्य उद्देश पिछले कुछ दिंनों से भारत चीन सम्बन्ध में जो…

    सुषमा स्वराज चीन के दौरे पर, शंघाई सहयोग संगठन में करेंगी शिरकत

    विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 21 अप्रैल से चीन के दौरे पर जा रही हैं। स्वराज शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन जायेंगीं। यह…

    अफगानिस्तान को सीपीईसी में शामिल करने की चीन नें की पेशकश

    चीन ने अफगानिस्तान व पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ मंगलवार को त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया। जिसमें आतंकवाद को लेकर चर्चा हुई।

    अफगानिस्तान-चीन-पाकिस्तान के बीच में त्रिपक्षीय वार्ता बीजिंग में होगी आयोजित

    चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिकअफगानिस्तान-चीन-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन बीजिंग में किया जाएगा।

    दोबारा डोकलाम विवाद रोकने के लिए भारत-चीन के एनएसए के बीच होगी मुलाकात

    चीन सैन्य मामलों से संबंधित चीनी ब्लॉग ने दावा किया है कि चीनी सैनिकों की डोकलाम क्षेत्र में स्थायी रूप से उपस्थिति कड़ी कर दी गई है।

    डोकलाम विवाद के बाद सुषमा स्वराज व वांग यी के बीच पहली प्रत्यक्ष मुलाकात

    नई दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने डोकलाम को लेकर कहा कि भारत और चीन के सामरिक हित 'आंशिक टकराव' से अधिक है।

    10 दिसंबर को भारत आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी, बैठक में करेंगे शिरकत

    चीन के विदेश मंत्री वांग यी रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान नई दिल्ली में आयोजित वार्ता में शामिल होंगे।

    उत्तर कोरिया में तनाव बढ़ना चिंताजनक, शांति की जरूरत – चीनी विदेश मंत्री

    चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दे को पूरी तरह हल करने को लेकर चीन का बहुत ही खुला दृष्टिकोण है

    रोहिंग्या संकट के मद्देनजर चीन-म्यांमार ने तीन सूत्री योजना बनाई

    रोहिंग्या संकट को कम करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने म्यांमार नेता, राष्ट्रपति व सेना प्रमुख के साथ मिलकर तीन सूत्री प्लान बनाया।

    चीन और रूस शान्ति से सुलझाना चाहते हैं उत्तर कोरिया विवाद

    चीन ने कहा है कि भले ही ज़मीन पर अमेरिकी सेना मजबूत हो, लेकिन अगर युद्ध की परिस्थिति बनती है, तो इससे दोनों पक्षों को काफी नुकसान पहुंचेगा।