रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने गुरुवार को यूपीआई वर्जन 2.0 को लांच करने का एलान किया। ये ग्राहकों को मर्चेंट्स को पेमेंट करने में ओवरड्राफ्ट लिमिट के प्रयोग करने की सुविधा देगा।
नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस यानी यूपीआई का दूसरा वर्जन ग्राहकों को मर्चेंट को पेमेंट करने से पहले भेजे गए इनवोईस की भी जांच करने की सुविधा देगा।
एक कार्यक्रम के दौरान अपने अध्यक्षीय संबोधन में पटेल ने ये भी बताया कि ये लांच आरबीआई की एक सोंची-समझी दृष्टिकोण का नतीजा है जिसमे उसने शुरूआती सालों में एक डेवलपर और बाद के सालों में कैटेलिस्ट एवं फैसिलिटेटर की भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि भारतीय पेमेंट सिस्टम अब न सिर्फ दुनिया में किसी भी ऐसे सिस्टम से प्रतियोगिता कर रहा है बल्कि दूसरों के लिए एक नया मापदंड भी स्थापित करता जा रहा है। उन्होंने साइबर सिक्यूरिटी को महत्त्व देने की जरूरत पर भी सबका ध्यान दिलाया और कहा कि इस क्षेत्र में हमे और प्रयास करने की जरूरत है।
इसी मौके पर बोलते हुए एनपीसीआई के सलाहकार नंदन नीलकेनी ने पटेल द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि इन्ही प्रयासों की बदौलत आज भारत में बहुत सारे पेमेंट सिस्टम हैं जिनमे खर्च भी कम है और वो “स्टेट ऑफ दी आर्ट” हैं।
आपको बता देना जरूरी है कि यूपीआई को 11 अप्रैल, 2016 को लांच किया गया था और पिछले दो वर्षों में ये लोगों के बीच रुपयों के आदान-प्रदान के लिए एक सबसे बड़ा मंच बन कर उभरा है। भीम यूपीआई ने 2018 के अकेले जुलाई महीने में ही रू 45,845 करोड़ रूपये का लेन-देन दर्ज किया।
अभी जो बैंक यूपीआई 2.0 का हिस्सा हैं वो हैं- स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आरबीएल बैंक, एस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, फ़ेडरल बैंक, और एचएसबीसी।
एसबीआई के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा कि यूपीआई 2.0 में बहुत सारे नए फीचर जोड़े गए हैं और पुराने फीचर को संवारा गया है। इनबॉक्स में इनवोईस, साइन किया हुआ इंटेंट या क्यूआर और फण्ड की ब्लोकिंग जैसे नये फीचर जोड़े गये हैं जिसमे सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा गया है।