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    बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी

    पाकिस्तान में शनिवार को चीनी मालिकाना हक़ वाले आइकोनिक पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल में बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी ने हमला किया था। इस हमले की जिम्मेदारी लेने के एक दिन बाद बीएलए ने चीन को धमकी देते हुए चार मिनट का एक वीडियो सन्देश जारी किया है।

    पाक की आर्थिक मदद बंद हो

    इस वीडियो में बीएलए के विद्रोही चीन को बलोच नागरिकों को बर्बरता से दबाने के लिए पाकिस्तान को आर्थिक मदद मुहैया न करने की धमकी दे रहे हैं। इस वीडियो को vimeo.com पर पोस्ट किया गया था।

    इस वीडियो के मुताबिक, बलोच युवाओं के पास वक्त है और चीन को दोबारा चेतावनी देते हैं कि तत्काल बलोच सरजमीं पर अपना शोषण करना बंद करे। चीन हमारी वाजिब चिंताओं को समझने में असफल रहा है। चीन बलोच सरजमीं का इस्तेमाल अपने खतरनाक मंसूबो के लिए कर रहा है और वह बलोच नागरिकों पर अत्याचार के लिए पाकिस्तान को आर्थिक सहायता मुहैया कर रहा है।

    बीएलए के चरमपंथियों ने दावा किया कि चीन की महत्वकांक्षी परियोजना चीन-पाक आर्थिक गलियारे के कारण पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान के परिवारों पर अत्याचार को बढ़ा दिया है। विद्रोहियों के मुताबिक, कथित सीपीईसी परियोजना के कारण कई बलोच परिवार पाकिस्तान सेना की प्रताड़ना झेल रहे हैं। पाक सेना को वित्तीय सहायता और हथियार चीन मुहैया करता है।

    रोजी-रोटी का एकमात्र स्त्रोत भी हड़प लिया

    उन्होंने कहा कि “ग्वादर की जनता के समक्ष पीना का पानी तक नहीं है और सीपीईसी की वजह से उनके एकमात्र आय के स्त्रोत को भी छीन लिया गया है। लेकिन बीएलए इसे नजरअंदाज करने नहीं देगी।” बलूचिस्तान में अलगाववाद अभियान चरम पर है और अब चीन भी इस विवाद में फंस चुका है क्योंकि उसकी महत्वपूर्ण परियोजना सीपीईसी इस प्रान्त में हैं।

    बीएलए ने सीपीईसी का विरोध किया है और आरोप लगाया कि इस प्रोजेक्ट का मकसद प्रान्त के संसाधनों को लूटना है। शनिवार को तीन बंदूकधारियों ने चीनी मालिकाना हक़ वाले पांच सितारा होटल में धावा बोला था। इस गोलीबारी में हमलावर सहित चार लोगो की मौत हो गयी थी।

    बीते वर्षों में बीएलए ने बलूचिस्तान में कई फियादीन हमलो को अंजाम दिया है। यह समूह बीते वर्ष कराची में स्थित चीनी दूतावास पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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