गोदावरी नदी भारत के प्रायद्वीप भाग में बहने वाली सबसे बड़ी नदी है। इसको दक्षिणी गंगा के नाम से भी जाना जाता है। गोदावरी नदी का उद्गम स्थल प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से होते हुए एवं मध्य प्रदेश, कर्नाटक और पुदुचेरी के छोटे से हिस्सों में बहते हुए जाकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
यह लगभग 3 लाख स्क्वायर किमी के क्षेत्रफ़ल में फैला हुआ है। नदी के उत्तर में सतमाला पहाड़, और अजंता श्रृंखला हैं, उत्तर में महादेव पहाड़ है, दक्षिण और पूर्व में पूर्वी घाट है और पश्चिम भाग में पश्चिमी घाट स्थित है।
गोदावरी नदी महाराष्ट्र के नाशिक जिले में त्रयंबकेश्वर के पास से 1067 m की ऊंचाई से निकलती है। इस नदी की लम्बाई 1465 किमी है।
गोदावरी की सहायक नदियां (Tributaries of Godavari River in Hindi)
गोदावरी नदी के बाएं किनारे पर कई सहायक नदियां आकर मिलती है जिनका आकार भी ज्यादा है। नदी के दाएं छोर पर मांजरा एक प्रमुख सहायक नदी है जिसकी लम्बाई 724 किमी है। निजाम सागर से गुजरने के बाद यह नदी गोदावरी में आकर मिल जाती है। गोदावरी नदी के बाएं छोर पर धारणा, पेनगंगा, वईगंगा, प्राणहिता, वर्धा, पेंच, कानहन, शबरी, इंद्रावती आदि नदियां स्थित हैं। दाएं छोर पर प्रवरा, मुला, मांजरा,पेद्दावगु, मानेर आदि आकर मिलती हैं।
राजमुंद्री के पास गोदावरी नदी दो धाराओं में बाँट जाती है – पूर्व में गौतमी गोदावरी के रूप में और पश्चिम में वशिष्ठ गोदावरी के रूप में। बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले यह नदी एक बड़े डेल्टा का निर्माण करती है। गोदावरी की डेल्टा एक उभरे हुए भाग के रूप में प्रतीत होता है जिसकी कई वितरिकाएं हैं।
गोदावरी के बेसिन में पायी जाने वाली खनिज संपदाएं (Mineral Resources Near Godavari in Hindi)
गोदावरी नदी के ऊपरी हिस्से में डेक्कन पठार वाले भाग में मैग्नेटाइट, एपिटोड, बायोटाइट, जिरकॉन, क्लोराइट जैसे खनिज मिलते हैं। गोदावरी बेसिन के मध्य भाग के तरफ फरलाइट, क्वार्ज़ाइट, एम्फीबोल, ग्रेनाइट पत्थर आदि मिलते हैं। गोदावरी के घाटों पर पाए जाने वाले तलछट, पत्थर और गाद गोंडवाना समूह के भाग हैं।
गोदावरी नदी के परियोजनाएं (Projects on Godavari River)
श्रीराम सागर, गोदावरी बांध, जायकवाड़ी आदि कुछ प्रमुख बांध हैं। इसके अलावा पेनगंगा, वईगंगा, इंद्रावती, वर्धा आदि नदियों पर भी बांध बने हुए हैं। प्रहिता-चेवाला और पोलावरम बांधों का निर्माण अभी चालू है।
गोदावरी के कुछ प्रमुख उत्पादन क्षेत्र (Prominent Industries on the Banks of Godavari in Hindi)
नाशिक, औरंगाबाद, राजमुंद्री, नागपुर आदि गोदावरी के किनारे कुछ प्रमुख शहरी क्षेत्र हैं। नाशिक और औरंगाबाद में कई प्रमुख वाहन के फैक्ट्री हैं। इसके अलावा चावल के मिल, कपास की कताई और बुनाई के कारखाने, चीनी और तेल के कारखाने भी हैं। सीमेंट और तकनिकी सम्बन्धी कारखाने भी कहीं कहीं मिलते हैं।
गोदावरी बेसिन में बाढ़ और सूखे की स्थिति (Floods & Drought in Godavari Basin in Hindi)
गोदावरी नदी के निचले हिस्सों में काफी बाढ़ आता है। इसके तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान आते हैं। चपटा मैदान होने के कारण गोदावरी के डेल्टा भाग में जल निकासी की समस्या बहुत देखी जाती है। गोदावरी के किनारे बसा हुआ मराठवाड़ा इलाके के एक बहुत बड़ा हिस्सा सूखे से प्रभावित होता है जिससे यहां के फसलों को काफी नुकसान होता है।
आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।
hi
hi