Thu. Nov 7th, 2024
    क्रिया उदाहरण, परिभाषा, भेद

    विषय-सूचि

    क्रिया की परिभाषा

    ऐसे शब्द जो हमें किसी काम के करने या होने का बोध कराते हैं, वे शब्द क्रिया कहलाते हैं।

    जैसे: पढ़ना, लिखना, खाना, पीना, खेलना, सोना आदि।

    क्रिया के उदाहरण:

    • राकेश गाना गाता है।
    • मोहन पुस्तक पढता है।
    • मनोरमा नाचती है।
    • मानव धीरे-धीरे चलता है।
    • घोडा बहुत तेज़ दौड़ता है।

    ऊपर दिए गए वाक्यों में गाता है, पढता है, नाचती है, दौड़ता है, चलता है आदि शब्द किसी काम के होने का बोध करा रहे हैं। अतः यह क्रिया कहलायेंगे।

    • क्रिया हमें समय सीमा के बारे में संकेत देती है। क्रिया के रूप की वजह से हमें यह पता चलता है की कार्य वर्तमान में हुआ है, भूतकाल में हो चूका है या भविष्यकाल में होगा।
    • क्रिया का निर्माण धातू से होता है। जब धातू में ना लगा दिया जाता है तब क्रिया बन जाती। क्रिया को संज्ञा और विशेषण से भी बनाया जाता है। क्रिया को सार्थक शब्दों के आठ भेदों में से एक माना जाता है।

    क्रिया के भेद:

    कर्म जाती तथा रचना के आधार पर क्रिया के भेद

    कर्म जाती तथा रचना के आधार पर क्रिया के मुख्यतः दो भेद होते है :

    1. अकर्मक क्रिया
    2. सकर्मक क्रिया।

    1. अकर्मक क्रिया

    जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है वह क्रिया अकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इस क्रिया में कर्म का अभाव होता है। जैसे : श्याम पढता है।

    इस वाक्य में पढने का फल श्याम पर ही पड़ रहा है। इसलिए पढता है अकर्मक क्रिया है। जिन क्रियाओं को कर्म की जरूरत नहीं पडती या जो क्रिया प्रश्न पूछने पर कोई उत्तर नहीं देती उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं।

    अथार्त जिन क्रियाओं का फल और व्यापर कर्ता को मिलता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।

    अकर्मक क्रिया के उदाहरण :

    • राजेश दौड़ता है।
    • सांप रेंगता है।
    • पूजा हंसती है।
    • मेघनाथ चिल्लाता है।
    • रावण लजाता है।
    • राम बचाता है।

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि दौड़ता हैं, रेंगता है, हंसती है, चिल्लाता है, बचाता है, आदि  वाक्यों में कर्म का अभाव है एवं क्रिया का फल करता पर ही पड़ रहा है। अतः यह उदाहरण अकर्मक क्रिया के अंतर्गत आयेंगे।

    2. सकर्मक क्रिया

    जिस क्रिया में कर्म का होना ज़रूरी होता है वह क्रिया सकर्मक क्रिया कहलाती है। इन क्रियाओं का असर कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है। सकर्मक अर्थात कर्म के साथ।

    जैसे : विकास पानी पीता है। इसमें पीता है (क्रिया) का फल कर्ता पर ना पडके कर्म पानी पर पड़ रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया है।

    सकर्मक क्रिया के उदाहरण :

    • रमेश फल खाता है।
    • सुदर्शन गाडी चलाता है।
    • मैं बाइक चलाता हूँ।
    • रमा सब्जी बनाती है।
    • सुरेश सामान लाता है।

    जैसा कि आप ऊपर दिए गये उदाहरणों में देख सकते हैं कि क्रिया का फल कर्ता पर ना पडके कर्म पर पड़ रहा है। अतः यह उदाहरण सकर्मक क्रिया के अंतर्गत आयेंगे।

    सकर्मक क्रिया के भेद :

    1. एककर्मक क्रिया : जिस क्रिया में एक ही कर्म हो तो वह एककर्मक क्रिया कहलाती है। जैसे: तुषार गाडी चलाता है। इसमें चलाता(क्रिया) का गाडी(कर्म) एक ही है। अतः यह एककर्मक क्रिया के अंतर्गत आएगा।
    2. द्विकर्मक क्रिया : जिस क्रिया में दो कर्म होते हैं वह द्विकर्मक क्रिया कहलाती है। पहला कर्म सजीव होता है एवं दूसरा कर्म निर्जीव होता है।
      जैसे: श्याम ने राधा को रूपये दिए। ऊपर दिए गए उदाहरण में देना क्रिया के दो कर्म है राधा एवं रूपये। अतः यह द्विकर्मक क्रिया के अंतर्गत आएगा।

    संरचना के आधार पर क्रिया के भेद

    संरचना के आधार पर क्रिया के चार भेद होता है :

    1. प्रेरणार्थक क्रिया :  जिस क्रिया से यह ज्ञात हो कि कर्ता स्वयं काम ना करके किसी और से काम करा रहा है। जैसे: पढवाना, लिखवाना आदि।
    2. नामधातु क्रिया :  ऐसी धातु जो क्रिया को छोड़कर किन्ही अन्य शब्दों जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि से बनती है वह नामधातु क्रिया कहते हैं। जैसे: अपनाना, गर्माना आदि।
    3. सयुंक्त क्रिया : ऐसी क्रिया जो किन्ही दो क्रियाओं के मिलने से बनती है वह सयुंक्त क्रिया कहलाती है। जैसे: खा लिया, चल दिया, पी लिया आदि।
    4. कृदंत क्रिया : जब किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसका नया क्रिया रूप बनाया जाए तब वह क्रिया कृदंत किया कहलाती है। जैसे दौड़ना, भागता आदि।

    प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण :

    • माता पिता अपने बच्चों से कार्य कराते है।
    • सुनील अपने बेटे से काम करवाता है। 
    • अध्यापक बच्चों से पाठ पढवाता है। 

    सयुंक्त क्रिया के उदाहरण :

    • मीरा बाई स्कूल चली गई।
    •  वह खा चुका।
    •  मीरा महाभारत पढने लगी।
    •  प्रियंका ने दूध पी लिया।

    क्रिया के विषय में यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    38 thoughts on “क्रिया : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण”
    1. हर उपविषय के बाद प्रश्नावली भी दीजिए I

    2. Sansar me sabse muliyawan vastu samey hai kyuki duniya ki adhikansh vastuo ko ghataya bdhaya ja sakta hai par samey ka ek Chan bhe bda Pana vyacti ke bus me nhe hai samey beet jaine par vyacti ke pass pashtane ke alawa kuch nhe hota. me kriya kon kon hai

    3. Aap logo ne jo sanrachna ke adhar par kriya ke jo char bhed likhe h usme kradant kriya ka koi dusra naam h??

    4. हम रेलगाड़ी से बनारस जा रहे है।

      वाक्य का भेद बताओ

    5. Thank you brother.You are doing an excellent job keep going 😊👍 IGNOU Online University The Indira Gandhi National Open University (IGNOU) is very much known for the higher education through Open and Distance Learning (ODL) mode. So far, more than 2.7 million students had has been enrolling with IGNOU in various courses i.e. Certificate Courses, Bachelor’s Degree Courses, Diploma Courses, Master’s Degree Courses, Ph.D etc.

    6. बहुत अच्छा लेख, Sir आपने क्रिया के बारे में बहुत अच्छे से समझाया है और मैंने आपके ब्लॉग के कई आर्टिकल पढ़े जो की मुझे काफी अच्छे लगे । आप की तरह में भी अपने ब्लॉग पर टेक्निकल और ज्ञान की जानकारी देता हूँ, जैसे कि
      प्रीपेड का मलतब क्या है या इन्टरनेट से जुडी जानकारी ।

    7. क्रिया की परिभाषा और उदाहरण सहित काफी अच्छी तरह वर्णन किया गया है.

    8. क्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करने का तरीका बहुत अच्छा लगा. पढ़कर बहुत अच्छा लगा.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *