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    Rupee All Time Low

    भारत की ऑफिसियल मुद्रा रुपया (Rupee) सोमवार की सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार के खुलते ही कल की कीमत की तुलना में 52 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इतिहास में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई। पिछले सप्ताह शुक्रवार को बाजार जब बंद हुआ था तब 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत भारतीय रुपयो में 76.90₹ थी।

    इंटर-बैंक फॉरेन एक्सचेंज में दिन (सोमवार) की शुरुआत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया (Rupee) की कीमत 77.17₹ से शुरू हुई। लेकिन जल्दी ही यह कीमत गिरकर ऐतिहासिक तौर पर सबसे न्यूनतम स्तर 1$ = 77.42₹ पर जा पहुँची।

    इस से पहले रुपये (Rupee) का निम्नतम स्तर इसी साल मार्च में रिकॉर्ड किया गया था जब 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 76.98₹ पर जा पहुँची थी।

    आखिर क्यों गिरता जा रहा रुपया (Rupee)?

    Business today ने इसी ख़बर के संदर्भ में एक रिपोर्ट में रिलायंस सिक्योरिटीज (Reliance Securities) के वरिष्ठ शोध विशेषज्ञ श्रीराम अय्यर के हवाले से लिखा है कि अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया की कीमतों में गिरावट के पीछे की वजह दुनिया भर के आर्थिक हालात और बॉन्ड यील्ड (Bond Yield) को लेकर संशय की वजह से ग्लोबल इक्विटी की कीमतों का कमजोर होना हो सकता है।

    वहीं फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि मुद्रास्फीति (Inflation) पर लगाम लगाने के लिए दुनिया भर के तमाम केंद्रीय बैंकों द्वारा आर्थिक नीतिगत दरों में इज़ाफ़ा करना है।

    भारत मे भी पिछले हफ़्ते रिजर्व बैंक ने रेपो दर (Rapo) व कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR) को बढ़ा दिया था। इसके बाद यह उम्मीद थी कि मुद्रास्फीति शायद नियंत्रण में आ जाये लेकिन सच तो यही है कि अगर ऐसा होता भी है तो इतनी जल्दी यह सब नियंत्रण में होना संभव नहीं था।

    अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आर्थिक मंदी व वैश्विक राजनीति में बढ़ता तनाव भी रुपये (Rupee) की कीमत का गिरने के पीछे की एक वजह है।

    बढ़ सकता है चालू खाता घाटा (Current Account Deficit)….

    रिज़र्व बैंक अभी तक भारत के चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) जो लगातार बढ़ता जा रहा था, उसे अपने फोरेक्स रिज़र्व का इस्तेमाल कर के कम कर रहा था। अब भारत का फोरेक्स रिज़र्व भी गिरकर इस साल 600 बिलियन डॉलर से नीचे आ गया है।

    डॉलर के मुकाबले रुपया (Rupee) की कीमत के गिरने का अर्थ यह हुआ कि अगर हम अब कच्चा तेल का आयात करेंगे तो हमे ज्यादा पैसा खर्च करना होगा। फोरेक्स रिज़र्व का भी कम होते जाने से हम किसी देश को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा में ही पेमेंट करने से बचेंगे।

    इसका सीधा अर्थ हुआ कि चालू खाता घाटा बढ़ने लगेगा साथ ही देश के भीतर महंगाई भी बढ़ेगी।

    रुपया पर राजनीति… विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर

    रुपया की कीमत को लेकर विपक्ष मोदी जी पर लगातार हमलावर है। सोशल मीडिया पर मोदीजी का वह पुराना भाषण वायरल हो रहा है जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर रुपये की क़ीमतों को लेकर हमलावर हैं।

    अगस्त 2013 को अहमदाबाद में एक भाषण में मोदी जी ने कहा था, “आज देखिये, रुपये की कीमत जिस तेजी से3 गिर रही है और कभी कभी तो लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपये के बीच कंपीटिशन चल रहा है कि किसकी आबरू तेजी से गिरेगी।”

    आज विपक्ष उनके इन्ही भाषणों को आधार बनाकर उनपर हमलावर है। कांग्रेस युवा मोर्चा के बी. श्रीनिवास ने भी मोदीजी का यही पुराना वीडियो ट्विटर पर शेयर कर के तंज कसा है।

    हम आपको छोड़ जाते हैं बीजेपी के ही एक और कद्दावर नेता के शब्दों के साथ.. अगस्त 2013 में ही लोकसभा में बीजेपी के तब के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक स्व. सुषमा स्वराज ने बयान दिया था…

    “इस करेंसी के साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी होती है और जैसे जैसे करेंसी गिरती है, तैसे तैसे देश की प्रतिष्ठा गिरती है….”

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

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