भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर ₹5.4 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत लगाया गया है। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की केवाईसी प्रक्रियाओं की जांच की, जिसमें यह पाया गया कि बैंक ने कुछ मामलों में ग्राहकों की पहचान और पते की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सावधानी नहीं बरती। इसके अलावा, बैंक ने कुछ मामलों में साइबर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया।
आरबीआई ने कहा कि यह जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों के लिए है, और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने जुर्माने की राशि का भुगतान करने के लिए सहमति व्यक्त की है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने जुर्माने के लिए माफी मांगी है और कहा है कि वह भविष्य में नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा। बैंक ने कहा है कि वह जुर्माने की राशि का भुगतान करने के लिए सहमत है।
यह जुर्माना पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगाया गया दूसरा जुर्माना है। इससे पहले, मार्च 2022 में, आरबीआई ने बैंक पर नए ग्राहकों को जोड़ने पर रोक लगा दी थी।
क्या प्रभाव पड़ेगा जुर्माने से ?
इस जुर्माने से पेटीएम पेमेंट्स बैंक की वित्तीय स्थिति पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ने की उम्मीद है। हालांकि, यह बैंक की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और ग्राहकों के विश्वास को कम कर सकता है।
जुर्माने की राशि बैंक की कुल राजस्व का लगभग 0.06% है। जुर्माना बैंक के लिए एक बड़ी वित्तीय बाधा नहीं है, लेकिन यह बैंक की साख को नुकसान पहुंचा सकता है।
बैंक ने जुर्माने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। आरबीआई ने बैंक को नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक भारत का सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान बैंक है। बैंक के पास 100 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं। बैंक का मुख्यालय नोएडा, भारत में है।