केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ‘भारत में खाद्य पोषण और सुरक्षा’ पर राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान NFSA आधारित State Rankings का पहला संस्करण जारी किया। यह सम्मेलन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा मंगलवार को आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के साथ सचिव DFPD सुधांशु पांडे सहित 8 राज्यों के खाद्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
खाद्य व पोषण सुरक्षा पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस को संबोधित किया एवं पहली बार NFSA आधारित State Rankings जारी की, जिसमे उड़ीसा ने पहला व यूपी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
सभी राज्यों को ईमानदारी के साथ जनहित की योजनाओं पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 5, 2022
NFSA आधारित State Rankings के सामान्य श्रेणी के राज्यों में ओडिशा को शीर्ष स्थान पर है, दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है। विशेष श्रेणी के राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में त्रिपुरा पहले स्थान पर और उसके बाद हिमाचल प्रदेश और सिक्किम हैं। इसके अलावा, 3 केंद्र शासित प्रदेशों में जहां direct beneficiary transfer- नकद चालू है: दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव शीर्ष स्थान पर हैं।
यह NFSA आधारित State Rankings राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में NFSA के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का documentation करता है। यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए सुधारों पर प्रकाश डालता है और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है। वर्तमान सूचकांक काफी हद तक NFSA वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, PMGKAY वितरण शामिल होगा।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिए सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है जो TPDS के माध्यम से NFSA के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। पहला- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, दूसरा- डिलीवरी प्लेटफॉर्म और तीसरा- पोषण संबंधी पहल।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 5 जुलाई, 2013 को अधिनियमित किया गया था और इस दिन को मनाने के लिए, पोषण सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं, फसल विविधीकरण, सुधारों पर विचार-विमर्श करने और चर्चा करने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
इस अवसर पर गोयल ने कहा कि, ‘भारत अब वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) के तहत 100% जुड़ा हुआ है। लाभार्थियों को देश के किसी भी राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश से राशन लेने की स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए अब तक 45 करोड़ परिवर्तन हुए हैं। कोविड के दौरान ONORC ने प्रवासियों का सहयोग किया।’
गोयल ने कहा कि आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने के लिए आगे चलकर डिजिटाइज्ड, आधार लिंक्ड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने के लिए उत्तर प्रदेश सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने अन्य राज्यों से पोषण सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस प्रणाली पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी बच्चों के टीकाकरण को भी इस प्रणाली से जोड़ा जा सकता है ताकि उन्हें चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जा सके।
ONORC Scheme to complement Ayushman Bharat.
Uttar Pradesh is already using this system & J&K has begun the process. Nutrition security will get a fillip with health security.
Urge states to use this system to serve people more efficiently & effectively. pic.twitter.com/81ucAJ4e3V
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 5, 2022