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    Imran Khan Rally in Islamabad

    भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में राजनीति का पारा दिन व दिन चढ़ता जा रहा है और इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
    रविवार का दिन राजनीति के लिहाज़ से खासा हलचल वाला रहा। एक तरफ इस्लामाबाद के परेड मैदान में एक तरफ इमरान खान (Imran Khan) की रैली (मार्च) हुई तो वहीं दूसरी तरफ़ शाम को मौलाना फजलुर्रहमान और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट का मार्च चल रहा था।

    इमरान खान (Imran Khan) की इस्लामाबाद रैली की बड़ी बातें

    सोमवार को पाकिस्तान के संसद में इमरान खान (Imran Khan) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया जाना है और इसी के मद्देनजर ठीक एक दिन पहले वे पाकिस्तान की अवाम को संबोधित कर रहे थे।

    इमरान ने अपने संबोधन की शुरुआत रैली में आये लोगों को शुक्रिया करते हुए किया। रैली में आये लोगों से उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि जिस तरह से आपको लालच दी गई है, पैसे ऑफर किये गए हैं, हर किस्म से आपकी जमीर को खरीदने की कोशिश की गई है.. बावजूद उसके आप मेरे एक कॉल पर इस रैली में आए, मुझे आप पर फ़क्र है। शुक्रिया।”

    भारतीय मुसलमानों का भी ज़िक्र

    अपने संबोधन में भारतीय मुसलमानों का ज़िक्र करते हुए इमरान खान ने कहा: “हिंदुस्तान के 20 करोड़ मुस्लिमों ने भी पाकिस्तान के लिए वोट किया था (संदर्भ:  विभाजन के ठीक बाद का पाकिस्तान) वे लोग असली पाकिस्तान का ख़्वाब देख रहे थे और मैं उसी ख्वाब को पूरा कर रहा हूँ।”

    अपनी नीतियों की चर्चा की इमरान खान (Imran Khan) ने

    बकौल इमरान, “मैंने चीन में देखा कि कैसे 3सालों में चीन ने अपने लोगों को ग़रीबी से निकाला है। मैं भी उसी तरह हमारे मुस्लिमों को गरीबी से निकालना चाहता हूँ। हमने 2 करोड़ लोगों को राशन दिया। हम नौजवानों को मज़बूत करने आये हैं, रोजगार दे रहे हैं। अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बाँट रहे हैं।”

    उन्होंने आगे पेट्रोल और बिजली की कीमतों में कटौती और उस पर दी गई सब्सिडी सहित अपने सरकार के तमाम उपलब्धियों को जनता के सामने रखा।

    “… वो (इमरान) तो फकीर है, आज नहीं तो कल चला जायेगा”

    परेड ग्राउंड की रैली में इमरान (Imran Khan) के अलावे उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अपने व्यक्तव्य रखे। इसी क्रम में इमरान सरकार में सूचना व प्रसारण मंत्री फ़वाद हुसैन ने भी भाषण दिया और इमरान खान के तारीफ में कसीदे गढ़े। लेकिन इस दौरान फ़वाद हुसैन भावनाओं में ज्यादा बह गए और खुद ही कुछ ऐसा कह गए जिस से लगने लगा है कि अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इमरान खान और उनकी पार्टी को विदाई तय मालूम है।

    फ़वाद हुसैन ने इमरान खान के बारे में कहा- ” वह सत्ता में है या नहीं, उसे फर्क नहीं पड़ता। वो तो फकीर है, आज नहीं तो कल चला जायेगा। लेकिन इस से हम प्रभावित होंगे।”

    सहयोगी दलों के साथ छोड़ देने से बढ़ सकती है मुश्किलें

    पाकिस्तान में इमरान सरकार को समर्थन देने वाली जम्हूरी वतन पार्टी ने गठबंधन से खुद को दूर कर लिया है। हालाँकि इस पार्टी के पास 1 ही MNA है लेकिन जिस तरह से इमरान खान सरकार घिरी है, ऐसे में एक-एक MNAs का वोट काफी महत्वपूर्ण है।
    साथ ही यह भी अंदाजा है कि इमरान सरकार में अन्य सहयोगी दल MQM और PMLQ जैसी पार्टियां भी अविश्वास प्रस्ताव के पहले ही कुछ बड़ा ऐलान कर सकती हैं।

    क्या इस्तीफ़ा देंगे इमरान खान?

    शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के यूट्यूब चैनल का नाम बदलकर “इमरान खान” कर दिया गया था। और उसके बाद से यह चर्चा है कि शायद अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इमरान खान (Imran Khan) इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने खुद यह कहा है कि वे किसी भी हालात में इस्तीफा नहीं देंगे।

    यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान ने कहा अविश्वास प्रस्ताव से पहले किसी भी हालत में नहीं देंगे इस्तीफा

    इमरान को अपना बहुमत साबित करने के लिए सदन में कुल 172 सीट चाहिए होंगी। विपक्षी दलों के रवैये को देखकर ऐसा लग रहा है कि मामला थोड़ा पेचीदा है। अब सोमवार की सुबह जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी तभी यह सब स्पष्ट हो पायेगा।

    भारत की है नज़र

    पड़ोसी देश पाकिस्तान में हो रहे तमाम राजनीतिक उठापटक पर भारत की नज़र बनी हुई है। भारत एक पूर्ण लोकतांत्रिक देश है वहीं पाकिस्तान के लोकतंत्र में सेना का काफ़ी प्रभाव रहता है। ऐसे में दोनों देशों के बीच नीति-निर्धारण के लिए यह अहम हो जाता है कि पाकिस्तान में कैसी सरकार सत्ता में रहती है और उसमें सेना का कितना हस्तक्षेप रहेगा।

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

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