भारत और दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट टीम के बीच 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ (Ind Vs SA Test Series) 2-1 से दक्षिण अफ्रीका के नाम रही और विश्व की नम्बर 1 रैंकिंग वाली भारतीय टेस्ट टीम को अपेक्षाकृत कमजोर मानी जा रही है दक्षिण-अफ्रीका के ख़िलाफ़ बेहद “निराशाजनक” हार का सामना करना पड़ा।
परन्तु, सीरीज की हार से ज्यादा दुनिया भर के खेल-जगत, ख़ासकर क्रिकेट से जुड़े लोगों के बीच जिस बात की चर्चा है, वह इस सीरीज़ के तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन हुए एक DRS विवाद (DRS Controversy) और उसको लेकर मैदान भर भारतीय टीम के रवैये को लेकर है।
क्या है पूरा मामला??
दरअसल तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन का खेल दिन के अंतिम घंटे में था। दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत द्वारा दिए गए 211 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़ी आसानी से आगे बढ़ रही थी। तभी भारत के गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन की एक गेंद पर अफ्रीकी टीम के कप्तान को एलबीडबल्यू आउट करार दिया गया। उन्होंने मैदानी अंपायर के उस फैसले को रिव्यु किया जिसे तीसरे अंपायर ने बदल दिया और नॉट-आउट करार दिया गया।
क्रिकेट के जानकार, कमेंटेटर और यहाँ तक कि मैदानी अंपायर भी इस फैसले से अचंभित दिखे मानो- “ये आउट नहीं है तो फिर और किसे आउट कहेंगे??” खैर, टेक्नोलॉजी ने डीन एल्गर को तो बचा लिया लेकिन यहीं से शुरू हुआ विवाद।
इसके बाद भारतीय कप्तान और सीनियर खिलाड़ियों ने अपना आपा खो दिया और कप्तान कोहली, इस सीरीज के लिए टीम के उपकप्तान के एल राहुल और सीनियर गेंदबाज अश्विन ने स्टंप माइक पर जाकर ब्रॉडकास्टर के ख़िलाफ़ विवादस्पद टिप्पणियाँ की।
स्टंप माइक पर किसने क्या कहा जो मचा है इतना बवाल….
दरअसल जिस तरह से दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डटकर खेल रहे थे और टीम इंडिया मैच में नीचे लगी थी, यह निश्चित ही मैदान पर खेल रहे भारतीय टीम को निराश और हताश करने वाला था। शायद इसी हताशा में अश्विन, कोहली और राहुल ने स्टंप माइक पर जाकर बड़बोलेपन दिखाया।
अश्विन ने कहा- “सुपरस्पोर्ट, आपको कुछ बेहतर तरीके ढूंढने चाहिए जीतने के लिए।” इसका मतलब क्या यह माना जाए कि एल्गर को नॉट आउट देना बेईमानी है; यह तो अश्विन ही बता सकते हैं।
अश्विन के बाद कोहली भी नहीं रुके और अपनी भड़ास निकलते हुए स्टंप माइक पर जाकर कहा;- “आपको कैमरा फोकस अपने टीम पर भी करना चाहिए जब वो फील्डिंग के वक़्त गेंद को चमका रहे होते हैं; ना कि सिर्फ विपक्षी टीम पर…”
अब यहाँ तक जो हुआ उसे कोई भी क्रिकेट प्रसंशक समर्थन नहीं कर सकता। परंतु बात यहीं नहीं रुकी और उपकप्तान राहुल भी स्टंप माइक पर प्रतिक्रिया देते हुए पाए गए। राहुल यह कहते हुए पाये गए कि “पूरा एक देश एकजुट होकर 11 खिलाड़ियों से खेल रहा है।”
दुनिया भर से आ रही है प्रतिक्रिया..
यह पूरा प्रक्रम निश्चित ही खेल भावना के ख़िलाफ़ थीं और इसे लेकर एक सुर में पूरी दुनिया से टीम इंडिया के ख़िलाफ़ प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ब्रॉडकास्टर पर ऐसा आरोप लगाना निश्चित ही अशोभनीय और आलोचनात्मक है।
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर, गौतम गंभीर, आकाश चोपड़ा से लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज शेन वार्न, गिलक्रिस्ट ने भी कोहली और टीम इंडिया के इस रवैये की आलोचना की है।
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज स्पिनर सईद अजमल ने 2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में अपनी ही गेंद पर सचिन तेंदुलकर को नॉट आउट दिए जाने वाले तस्वीर को शेयर करते हुए टीम इंडिया के रवैये की आलोचना की। इस बात का जिक्र भारत के पूर्व ओपनर और इस मैच के दौरान हिंदी कमेंट्री कर रहे आकाश चोपड़ा ने भी किया।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा है- “कोहली और उनके टीम के ऊपर जुर्माना और निलंबन जैसी सजा की जरूरत है।”
मैच के बाद कोहली ने क्या कहा?
टीम इंडिया की हार के बाद जब कोहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में आये तो ज़ाहिर सी बात थी कि इस पूरे मामले पर सवाल पूछे जाने वाले थे और पूछे भी गए। इस पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कोहली ने कहा कि वह अब इस मामले को आगे बढ़ाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि बाहर बैठे लोग नहीं जानते कि मैदान में क्या हो रहा।
अब आगे क्या…..
अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि ICC इस पूरे मामले पर कोई एक्शन लेती है कि नहीं। निश्चित ही कोहली एन्ड कंपनी का ब्रॉडकास्टर के ख़िलाफ़ यह व्यवहार निंदनीय है। यह टीम इंडिया के निराशा और हताशा को दिखाता है, और कुछ नहीं।
फिलहाल 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ समाप्त हो गई है और अब दोनों टीमें अगले हफ्ते 3 एकदिवसीय मैचों के लिए भिडेंगी।
एकदिवसीय टीम की कमान इस समय नियमित कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में एक बार फिर केएल राहुल के हाथों में होगी। ऐसे में उन्हें ऐसे बयानबाजी जो अभी स्टंप माइक पर दिया, से बचना होगा।
राहुल को समझना होगा कि वो महज़ एक क्रिकेट ही नहीं खेलने गए हैं बल्कि भारत देश का वहाँ प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच क्रिकेट कूटनीतिक रिश्तों में भी भूमिका निभाती रही है। ऐसे में उनका बयान – “The whole nation is playing against the 11 (पूरा देश एकजुट होकर 11 खिलाड़ियों के साथ खेल रहा है)” निहायती गैर-जिम्मेदाराना है। उनको और उनकी टीम को इस से बचना होगा।
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