C.S. लक्ष्मी को 2023 के लिए टाटा लिटरेचर लाइव! लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें उनके उपनाम अम्बाई के नाम से जाना जाता है। वह भारत की एक अग्रणी लेखिका और शिक्षाविद हैं, जिन्होंने महिलाओं के जीवन और साहित्य में एक अद्वितीय और सार्थक योगदान दिया है।
लक्ष्मी का जन्म 1944 में कोयंबटूर, तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने बैंगलोर और मद्रास विश्वविद्यालयों से कला में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर पढ़ाया है।
लक्ष्मी ने अपने लेखन में महिलाओं के जीवन, प्रेम, संबंधों, खोजों और यात्राओं का अन्वेषण किया है। उनकी रचनाएं सूक्ष्म और ताज़ा हैं। उनकी कई कृतियों का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है, जिनमें से एक सबसे प्रसिद्ध “वेटीन मुलैयिल ओरु समयालाराई” (एक रसोईघर घर के कोने में) है। यह पुस्तक एक राजस्थानी परिवार में तीन पीढ़ियों की महिलाओं के जीवन को एक तमिल बहू के दृष्टिकोण से चित्रित करती है।
लक्ष्मी एक प्रमुख नारीवादी हैं। उन्होंने महिलाओं के अध्ययन में एक अग्रणी संग्रहकर्ता और शिक्षक के रूप में भी काम किया है। वह SPARROW (Sound and Picture Archives for Research on Women) की सह-संस्थापक हैं, जो भारत की पहली महिलाओं को समर्पित आर्काइव है।
लक्ष्मी के साहित्यिक योगदानों को भारत और दुनिया भर में सराहा गया है। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें साहित्य अकादमी पुरस्कार शामिल हैं।
टाटा लिटरेचर लाइव! लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो भारत के साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। लक्ष्मी को यह पुरस्कार उनके समृद्ध और प्रभावशाली साहित्यिक कार्यों के लिए दिया गया है। यह पुरस्कार उनके काम को पहचानने और उनके योगदान को मनाने का एक तरीका है।
लक्ष्मी की उपलब्धियां भारत की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने दिखाया है कि महिलाएं साहित्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं। उन्हें यह पुरस्कार मिलने पर गर्व है।