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    नोटबंदी का फैसला

    नोटबंदी के दौरान बैंक की कतार में चार घंटे तक खड़े रहने के बावजूद भी जब पैसे नहीं मिले तब आर्मी से सेवानिवृत्त नंदलाल फूट-फूटकर रोने लगे थे। बुजुर्ग नंदलाल की फोटो नोटबंदी के दौरान पूरे देश में वायरल हुई थी। नोटबंदी के दौरान आलोचकों के पोस्टर ब्यॉय बने 80 वर्षीय नंदलाल को उस वक्त गुरूग्राम के स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की ब्रांच में पैसे निकालने के लिए चार घंटे तक लाइन में खड़ा होना पड़ा था।

    अब जब नोटबंदी को एक साल पूरे हो चुके हैं और एक प्रमुख समाचार चैनल ने 80 साल के नंदलाल से नोटबंदी के बारे में राय जानने की कोशिश की तब इस बुजुर्ग ने कहा कि नोटबंदी सरकार का बिल्कुल सही फैसला है। नंदलाल ने बताया कि अब सब कुछ ठीक है। शुरू-शुरू में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि वो अपनी मेड को बैंक भेज देते हैं, और वो उनका पैसा निकालकर उन्हें दे देती हैं।

    सेना से रिटायर हो चुके नंदलाल ने कहा कि वो नोटबंदी के फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा कि वह 20 सालों तक देश की सेवा कर चुके हैं ऐसे में सरकार जो भी फैसले करती है वो देशहित में ही होता है। नंदलाल ने कहा कि मैं सरकार के हर फैसले के साथ खड़ा हूं।
    गौरतलब है कि नंदलाल पिछले साल नोटबंदी के दौरान बैंक की कतार में खड़े थे तब इन्हें किसी ने धक्का दे दिया था।

    यही नहीं किसी महिला ने उनके पैर भी कुचल दिए। इसके बाद 4 घंटों तक लाइन में खड़े रहने के बाद भी नंदलाल को जब पैसे नहीं मिले तो ये फूट-फूटकर रोए थे। नोटबंदी आलोचकों ने 80 साल के नंदलाल को अपना पोस्टर ब्यॉय बनाकर खूब हो हल्ला मचाया था।

    80 साल के बुजुर्ग नंदलाल पाकिस्तान के डेरा गाजी खान से भारत आए थे। साल 1991 में आर्मी से रिटायरमेंट होने वाले नंदलाल के साथ रहने वाला कोई नहीं है। उन्होंने एक बेटी गोद ली थी जिसकी शादी हो चुकी है। यह बेटी नंदलाल से मिलने के लिए कभी कभार आती है। कान से कम सुनने वाले नंदलाल को अपने देश सेवा पर गर्व है।

    बुजुर्ग नंदलाल गुरूग्राम के भीम नगर इलाके में 8×10 के किराए के रूम में रहते हैं। इस छोटे से कमरे में एक बिस्तर, बाल्टी, पानी की बोतले तथा भगवान शिव और गणेश भगवान की एक तस्वीर है। अकेला जीवन गुजारने वाले नंदलाल से कुछ भी जवाब पाने के लिए उनसे एक ही बात बार-बार बोलनी पड़ती है।