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    भारत रूस राजदूत

    भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव के मुताबिक भारत-रूस संबंध अटूट है। साथ ही भारत व अमेरिका के बीच संबंध को लेकर अपने रूख को स्पष्ट किया। रूसी राजदूत ने कहा कि भारत व अमेरिका की बढ़ती नजदीकियों की वजह से रूस को किसी तरह की परेशानी नहीं है।

    लेकिन कुदाशेव ने कहा कि रूस,अमेरिका के रूख को लेकर थोड़ा आशंकित है। वाशिंगटन जिस तरह की रणनीति पर मौजूदा परिस्थितियों में कार्य कर रहा है,वह रूस के हित में नजर नहीं आती है। वाशिंगटन के एजेंडा व रूस के प्रति रवैये को लेकर रूस ने आशंका जाहिर की है।

    रूस व पाक के रिश्तों की वजह से भारत न हो चिंतित

    रूसी राजनियक के मुताबिक भारत व रूस के बीच में लंबे समय से मधुर संबंध बने हुए है। दोनों देशों के बीच रिश्तों में विस्तार की अपार संभावनाए है। साथ ही कहा कि रूस व पाकिस्तान के बीच किसी तरह की बढ़ती नजदीकियों को लेकर भारत को चिंतित नहीं होना चाहिए। नई दिल्ली के मॉस्को के साथ अटूट व अद्वितीय रिश्ते बने हुए है।

    विवेकानंद फाउंडेशन के कार्यक्रम में शिरकत करने आए रूसी राजनयिक ने कहा कि भारत से उनकी दोस्ती पिछले 70 सालों से है। दोनों देशों ने अंतरिक्ष व रक्षा सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर साथ में काम किया है। भारत व रूस के रिश्ते पर सवाल किए जाने पर रूसी राजदूत ने जवाब दिया। कुदाशेव के मुताबिक भविष्य में भारत व रूस के बीच संबंध और भी ज्यादा प्रगाढ़ व मजबूत होंगे।

    रूसी राजदूत ने भारत-अमेरिका के संबंधों पर जिक्र करते हुए कहा कि उसे भारत व अमेरिका की दोस्ती से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने माना कि भारत को अमेरिका से सबसे ज्यादा हथियारों की सप्लाई हो रही है।

    लेकिन इससे रूस को किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। रूस सामरिक क्षेत्रों में भारत का मुख्य साझेदार है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को लेकर बयान दिया है कि उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के खिलाफ रूस को हमारा साथ देना चाहिए।