स्वर्ण आरक्षण बिल के साथ गुर्जर समुदाय की ओर से अतिरिक्त 5 प्रतिशत आरक्षण मांग से जुड़ा बिल आज राजस्थान विधानसभा में पेश होगा।
अपने मांग को लेकर धरने पर बैठे गुर्जरों के प्रदर्शन को आज छठा दिन है। उन्होंने रेलवे ट्रैक व सड़कें जाम की हुई हैं।
मंगलवार को हुई बैठक में कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया था। परंतु कांग्रेसियों ने यह अंदेशा दे दिया था कि बुधवार को इस बिल को विधानसभा में पेश किया जाएगा। यह विश्वास भी जताया जा रहा है कि बिना किसी अवरोध के यह विधेयक पारित भी हो जाएगा।
खेतड़ी के विधायक जितेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य समेत देशभऱ में हो रहे नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द इस समस्या को खत्म करना चाहते हैं।
शुक्रवार शाम को गुर्जर आंदोलन के नेता किरोड़ी बेन्सेला अपने समर्थकों के साथ सवाई मधोपुर के मलराना डुंगरु रेलवे ट्रैक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे।
50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के प्रावधान में से फिलहाल गुर्जरों को अतिरिक्त पिछड़ी जातियों के कैटिगरी में 1 प्रतिशत का आरक्षण मिला हुआ है। अन्य 5 प्रतिशत के आरक्षण की मांग को 2017 में राजस्थान हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलफ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया था।
आरक्षण की मांग पर गुर्जर यह तर्क दे रहे हैं कि केंद्र सरकार जो 10 फीसद सवर्ण आरक्षण दे रही है वह भी कानूनी सीमा से बाहर है। आरक्षण दिए जाने को लेकर संविधान में दर्ज प्रावधानों में संशोधन आवश्यक है इसलिए राज्य सरकार आज विधानसभा में यह बिल पेश करेगी।
पुलिस ने बताया कि गुर्जरों के इस उग्र प्रदर्शन से आम जनता को बेहद समस्या हो रही है। मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रीय मार्ग-52 को चाकसू शहर के नजदीर तकरीबन 40 कि.मी. तक जाम कर रखा था।
साथ ही दौसा जिले के आगरा-जयपुर-बीकानेर नेशनल हाइवे-11, बूंदी जिले के नैनवा, सवई मधोपुर के मलाना रोड, करौली जिले के बूदला गांव के करोली-हिंडन सड़क पर नाकेबंदी अबतक जारी है। गुजरात के कांग्रेसी विधायक हिम्मत पटेल ने गुर्जर नेता किरोड़ी बेन्सेला से मलारना डूंगरु रेल ट्रैक पर मुलाकात की और जल्द से जल्द हल निकालने के पक्ष में अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
लेकिन गुर्जरों ने सड़क व रेल ट्रैक खाली करने से मना कर दिया।
गुर्जर नेता के मुख्य किरोड़ी के बेटे ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है। जबतक 5 प्रतिशत का अतिरिक्त आरक्षण नहीं मिलेगा वे धरने पर ही रहेंगे।
वे अपनी मांगों को लेकर अडिग है। उनका समर्थन करते हुए रायेका रिबारी, गादिया लोहार, बंजारा व गदारिया समुदायों के लोगों ने भी सरकार का कोई कानूनन फैसला आने तक धरना पर बैठने का ऐलान किया है।