आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में चलने वाले प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को राज्य को विशेष दर्ज़ा दिलाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद, नायडू ने कहा-“कल हमने दिल्ली में विरोध किया। जब सरकार लागू करने से मना कर देती है तो ज़िम्मेदार लोगों को लड़ना ही होता है और सच सबके सामने लाना होता है जैसा हमने कल किया। द्विभाजन अधिनियम में कुछ प्रावधान हैं जो हमें अधिकार के तौर पर मिले हैं। ये आंध्र प्रदेश के लिए दुर्भाग्यशाली है कि स्वतंत्रता के समय से ही हमने चार राजधानी देख ली। चुनाव के दौरान, उन्होंने इन सभी चीजों का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि वे सब लागू कर देंगे।”
नायडू जिनकी टीडीपी ने पिछले साल एनडीए से अलग होने का फैसला किया था, उन्होंने केंद्र पर आंध्र प्रदेश के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश चलाने के लायक नहीं हैं।
उनके मुताबिक, “एनडीए सरकार ने संसद में दिए आश्वासनों को पूरा नहीं किया। द्विभाजन के दौरान दिए गए एक भी आश्वासन को पूरा नहीं किया गया। केंद्र भी पक्षपात कर रहा है, हमारे पास विरोध करने के अलावा, और कोई विकल्प नहीं है। पिछड़े राज्यों को दिया गया धन चौथे साल में वापस ले लिया गया।”
“आज हम इतनी दूर केवल केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए आये हैं। पीएम कल गुंटूर में थे। द्विभाजन अधिनियम के अन्दर 18 अधिनियम हैं जो उन्हें पूरे करने है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने विशेष दर्ज़ा की घोषणा की। वेंकैया नायडू (उपराष्ट्रपति) ने आंध्र प्रदेश को 10 सालों तक विशेष दर्ज़ा दिलाने की मांग की।”